जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादी हमले में दो सैनिक शहीद, दो पोर्टरों की मौत (लीड-1)

श्रीनगर, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में गुरुवार को सेना के एक वाहन पर गोलीबारी की गई, जिसमें दो सैनिक शहीद हो गए और दो सिविलियन पोर्टर मारे गए। तीन अन्य सैनिक घायल हुए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शाम को गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के पास बूटा पाथरी इलाके के नागिन चौक पर आतंकवादियों ने राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के एक वाहन पर गोलीबारी की।

एक अधिकारी ने कहा, “इस हमले में दो सैनिक और दो सिविलियन पोर्टर मारे गए और तीन सैनिक घायल हो गए। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अतिरिक्त बल भेजा गया है।”

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “उत्तरी कश्मीर के बूटा पाथरी इलाके में सेना के वाहनों पर हमले की बहुत दुर्भाग्यपूर्ण खबर है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ लोग हताहत और घायल हुए हैं। कश्मीर में हाल ही में हुए हमलों की यह श्रृंखला गंभीर चिंता का विषय है। मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और अपनी जान गंवाने वाले लोगों के प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि घायल पूरी तरह से और जल्दी ठीक हो जाएं।”

गुरुवार को सेना के वाहन पर हमला घाटी के आमतौर पर आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र में हुआ। गुलमर्ग और बूटा पाथरी जैसे इसके ऊपरी इलाकों में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है और यह जगह प्रकृति प्रेमियों की पसंदीदा है।

पहले के अपडेट में, बारामूला पुलिस ने कहा था कि बूटा पाथरी सेक्टर में नागिन पोस्ट के आसपास “सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच कुछ गोलीबारी हुई” और तथ्यों की पुष्टि के बाद आगे की जानकारी साझा की जाएगी।

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इससे पहले गुरुवार को, आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक मजदूर पर गोली चलाई और उसे घायल कर दिया। मजदूर को मामूली चोट आई।

आतंकवादियों ने रविवार को गंदेरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक निजी बुनियादी ढांचा कंपनी के श्रमिकों के शिविर पर हमला किया था। दो विदेशी आतंकवादियों द्वारा किए गए उस कायराना हमले में छह गैर-स्थानीय श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर सहित सात लोग मारे गए थे। यह हमला श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जेड-मोड़ पर एक सुरंग बनाने में लगे निर्दोष, निहत्थे श्रमिकों पर किया गया था, जिसके पूरा होने के बाद श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क सभी मौसमों के लिए खुली रहेगी और सोनमर्ग का पर्यटन स्थल भी सभी मौसमों में पर्यटकों के लिए खुला रहेगा। जेड-मोड़ से सोनमर्ग तक सुरंग बनने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

–आईएएनएस

एकेजे/

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