तकनीकी साधनों में हिन्दी का प्रयोग भविष्य की आवश्यकता

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 14ता.सोनभद्र-राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ओबरा में हिन्दी दिवस के अवसर पर प्राचार्य प्रो प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में लघु गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं द्वारा हिन्दी के उन्नति व इसके राष्ट्र निर्माण में योगदान की विस्तृत चर्चा की गयी। वक्ता के रूप में बोलते हुए इतिहास के प्राध्यापक डा. संतोष कुमार सैनी ने कहा कि हिन्दी के प्रयोग करने वालों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हुयी है आज यह कई लोगों के लिये मुख्य सम्पर्क का माध्यम है। समाजशास्त्र विभाग के राजेश प्रसाद ने बताया हिन्दी को सरल बनाया जाए जिससे इसकी पहुँच जनमानस तक सुलभ हो। भारत में भाषाई विविधता के बीच हिन्दी को सर्वमान्य बनाना कठिन रहा है, लेकिन अब स्थितियाँ सुलभ हैं। राजनीति विज्ञान विभाग के डा. महेन्द्र प्रकाश ने हिन्दी को अधिकाधिक तकनीकी क्षेत्र में प्रयोग करने पर जोर दिया और कहा कि यदि हिन्दी को वैश्विक मंच पर स्थापित करना है तो इसे निर्यात की भाषा यानी बाजार से जोड़ना पड़ेगा। प्रोफेसर राधाकान्त पाण्डेय ने बताया हिन्दी राष्ट्र गौरव का प्रतीक है, देश की शान है, इसे आधिकारिक भाषा से उबारने की आवश्यकता है। प्राध्यापिका मीरा यादव ने हिन्दी भाषा को राष्ट का स्वाभिमान बताया। कार्यक्रम की संचालक व हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. बीना ने हिन्दी के विकास और इसके प्रसार पर मत व्यक्त किया। अध्यक्षीय सम्बोधन प्राचार्य ने कहा साहित्य, चलचित्र एवं मीडिया के माध्यम से हिन्दी ने शीर्ष स्थान बनाया है और वर्तमान में यह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन चुका है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. उपेन्द्र, डा. महीप. डा. विजय, तुहार मुखर्जी, डा. संघमित्रा, सचिन कर्मचारीगण प्रमोद केशरी, धर्मेन्द्र, अरुण, शरफुद्दीन व भारी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।

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