सीडब्ल्यूसी ने जमुई के दो बालकों को उनकी मां के हवाले किया

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 6ता.झारखंड ठुमका।15 दिन पूर्व घर से भागकर पश्चिम बंगाल चले गये थे दोनों बालक मारपीट होने पर वहां से भागकर बस से पहुंच गये थे दुमका बिहार के जमुई जिला के झाझा थाना क्षेत्र के रहनेवाले 14 और 11 वर्ष के दो बालक दलाल के झांसे में आकर 15 दिन पूर्व काम करने के लिए पश्चिम बंगाल के सिउड़ी इलाके में चले गये थे। उन्हें वहां भेंड़ चराने का काम करने के नाम पर ले जाया गया था। पर दोनों को ठीक से भोजन भी नहीं दिया जा रहा था। जब उनके साथ मारपीट भी किया जाने लगा तो दोनों बालक वहां से भाग निकले और बस में बैठकर दुमका पहुंच गये। इन दोनों बालकों को भटकता हुआ पाने पर शुक्रवार की देर शाम मुफस्सिल थाना की पुलिस ने बाल कल्याण समिति के सदस्य रंजन कुमार सिन्हा के आवास पर प्रस्तुत किया था। दोनों बालकों का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें श्रीअमड़ा में स्थिति बालगृह (बालक) में आवासित कर दिया गया था। समिति की सूचना पर शनिवार को गांव के उपमुखिया के साथ दोनों बालकों की मां दुमका पहुंची और बेटे को देखकर रोने लगी। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा एवं डॉ राज कुमार उपाध्याय ने दोनों मामलों की सुनवायी की। दोनों बालक के माताओं ने अपने बयान में बताया कि 10-15 दिन पूर्व बालक घर में बिना बताये कहीं चले गये थे। काफी खोजबीन के बावजूद उनका कुछ पता नहीं चल पाया। फिर उन्हें सूचना दी गयी कि उनके बच्चे दुमका है जिन्हें वह लेने आये हैं। इनमें से एक बालक ने अंगुठे का निशान लगाया जबकि उसकी मां ने हस्ताक्षर किया है। मां ने कहा कि वह तो पढ़ी-लिखी है पर दबाव देने पर भी बेटा स्कूल नहीं जाता है। दोनों बालकों का विद्यालय में नामांकन करवाने का निर्देश दिया गया। समिति ने दोनों की माता से बाण्ड भरवाने के बाद बालकों के सर्वोत्तम हित में दोनों बालकों को उनकी माताओं को सौंप दिया। साथ ही दोनों बालकों को सात दिनों के अंदर जमुई के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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