करोड़ों की हाई मास्क लाइटें सफेद हाथी साबित.! मंत्री के निर्देश और सीएम की सख्ती के बावजूद नहीं सुधरे हालात.!

अंधेरे का मुद्दा-अंधेरे में ओबरा-चोपन मुख्य मार्ग,

केवल चालान समाधान नहीं, आदतन नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस जब्त और वाहन सीज करने की सख्त नीति लागू करें-मुख्यमंत्री

Media House ओबरा/सोनभद्र-उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक ओर प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाने और कोहरे के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए ‘प्रकाश की समुचित व्यवस्था’ के कड़े निर्देश दे रहे हैं, वहीं जनपद सोनभद्र के ओबरा-चोपन मुख्य मार्ग पर इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ओबरा से चोपन (बाघा नाला तक) जाने वाले मार्ग पर लगी करोड़ों की हाई मास्क लाइटें सफेद हाथी साबित हो रही हैं।

दिखावा साबित हुई कार्रवाई-पिछले दिनों इस मार्ग पर पसरे अंधेरे का मुद्दा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इसके बाद ओबरा विधानसभा के माननीय विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री ने संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को कड़ी कार्रवाई करने और तत्काल लाइटें चालू कराने के निर्देश दिए थे। मंत्री के हस्तक्षेप के बाद आनन-फानन में प्रशासन ने कुछ लाइटें जलवाईं, लेकिन यह व्यवस्था महज कुछ दिनों की ही “चांदनी” साबित हुई।

10% लाइटें चालू, बाकी सब बंद-वर्तमान स्थिति यह है कि पूरे मार्ग पर बमुश्किल 8 से 10 लाइटें ही जल रही हैं, जबकि शेष लाइटें फिर से बंद हो चुकी हैं। रात के समय यह पूरा इलाका घने अंधेरे और कोहरे की चादर में लिपटा रहता है। ताज्जुब की बात यह है कि आगरा एक्सप्रेसवे पर हुए बड़े हादसों के बाद भी स्थानीय जिला प्रशासन इस संवेदनहीनता को त्यागने को तैयार नहीं है।

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भय के साये में यात्री और चालक-प्रकाश की व्यवस्था न होने के कारण बाइक सवार, टेंपो चालक और राहगीर भारी दहशत के बीच यात्रा करने को मजबूर हैं। घने कोहरे और अंधेरे के कारण आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, तभी शायद उनकी नींद टूटेगी।

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