मदरसों में देशविरोधी सबूत मिलेगा, तो सरकार जरूर कार्रवाई करेगी : महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग

नागपुर, 12 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे के राज्य के सभी मदरसों की जांच कराने की मांग चर्चा का विषय बनी हुई है। बुधवार को महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि अगर देशविरोधी कोई सबूत मिलता है, तो सरकार जरूर कार्रवाई करेगी।

प्यारे खान ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “सरकार पहले ही मदरसों के लिए एक स्कीम लेकर आई है, जिसका नाम ‘मॉर्डन मदरसा’ है। जहां पहले मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा होती थी, आज वहां पर टेक्निकल शिक्षा भी दी जा रही है। अब मदरसों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं। हाल ही में मैंने बुटीबोरी में एक मदरसे का दौरा किया था। मैंने देखा कि एक बच्चा बहुत अच्छी मराठी बोल रहा है।”

उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे अब मुस्लिम समाज को समझ में आ रहा है कि उनका विकास किन चीजों से हो सकता है। मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ बाकी की शिक्षा भी धीरे-धीरे चालू हो गई है। सरकार मदरसे के लिए खुद स्कीम चला रही है और 10.5 लाख रुपये का फंड भी दे रही है। सरकार कभी भी नहीं चाहेगी कि जो सही व्यवस्था चली आ रही है, वह बंद हो जाए। अगर सरकार को मदरसों के खिलाफ कोई सबूत मिले, तो जरूर कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध घुसपैठिए यहां पर चलने वाले नहीं है।”

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में चल रहे सभी मदरसों की जांच करने को कहा है। उन्होंने फडणवीस से मांग की है कि प्रदेश के सभी मदरसों की जांच गृह विभाग को करनी चाहिए। उनकी इस मांग के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्षी दल के नेता उन पर ध्रुवीकरण का आरोप लगा रहे हैं।

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–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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