संभल हिंसा पर सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, पुलिस की मंशा पर हमें शक

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर सपा सांसद इकरा हसन ने पुलिस की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पुलिस अपने साथ किस मंशा से भीड़ लेकर गई थी, हमें उसकी मंशा पर शक है।

उन्होंने कहा, “पुलिस जिस भीड़ को वहां लेकर गई थी, प्रशासन को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि इस तरह के लोग वहां न जाएं। अगर पुलिस उन्हें लेकर गई है, तो उनकी मंशा पर हमें शक है। हमें लगता है कि इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जिस तरीके से मस्जिद के पास यह घटना हुई है, यह संवेदनशील मामला है। जो सर्वे का आदेश था, वह एक्स पार्टी द्वारा पारित किया गया था, और जब तक हमारी सभी अपील का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक हमें लगता है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, ” जो ‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट’ है, वह स्पष्ट रूप से कहता है कि 1947 में जिस स्थल का धार्मिक स्‍वरूप जो था, वह वैसे का वैसा ही रहेगा। हमारी मांग यह है कि “प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट” को सख्ती से लागू किया जाए और इस तरह के संवेदनशील मामलों में तत्काल कार्रवाई से बचा जाए।”

बता दें कि संभल हिंसा पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बार-बार सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में संभल हिंसा पर बयान देते हुए इस घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने संभल में माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इन्हें निलंबित किया जाना और हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई संविधान के खिलाफ इस तरह का काम न कर सके।

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अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, “संभल में जो घटना अचानक हुई है, वो एक सोची समझी-साजिश के तहत हुई है और संभल में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। देशभर में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों, जो बार-बार खुदाई की बातें कर रहे हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा। ये सोची-समझी साजिश इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि यूपी विधानसभा के उपचुनाव 13 नवंबर को होना था। इन्होंने तारीख 13 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया। संभल के शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी संभल में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। ये ताज्जुब की बात है। दो घंटे बाद सर्वे की टीम पुलिस बल के साथ संभल पहुंच गई।”

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

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