कर्नाटक में जल शुल्क बढ़ाने पर भड़के एस प्रकाश, बांगलादेश सरकार पर भी निकाली भड़ास

बेंगलुरु, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा प्रवक्ता एस. प्रकाश ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कर्नाटक सरकार की जल शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव और बांग्लादेश में पाकिस्तानी नागरिकों के बिना सुरक्षा मंजूरी के प्रवेश पर प्रतिक्रिया दी।

कर्नाटक सरकार की ओर से जल शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव पर एस. प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार की यह बढ़ोतरी की प्रवृत्ति जारी है। दूध, स्टांप ड्यूटी, शराब की कीमतों, ईंधन शुल्क समेत कई चीजों की कीमतों में वृद्धि की गई है। अब, बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवेज बोर्ड द्वारा पानी की कीमतों में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। राज्य सरकार बढ़ोतरी की लहर पर सवार है। दूध, स्टांप ड्यूटी, शराब और ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इन सभी बढ़ोतरी के पीछे सरकार की गरीब विरोधी नीतियों का हाथ है। सरकार की गारंटी योजनाएं विकास कार्यों को प्रभावित कर रही हैं और राज्य का बजट खा रही हैं। बीडब्ल्यूएसएसबी अब पानी की कीमतों में वृद्धि का प्रस्ताव कर रहा है। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के रवैये को देखते हुए मुझे यकीन है कि सरकार इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगी।

बांग्लादेश में पाकिस्तानी नागरिकों के बिना सुरक्षा मंजूरी के प्रवेश पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामिक ताकतों के बढ़ते प्रभाव और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता हटाए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “बांगलादेश अब इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों में है, जो शरीयत कानून और कई बर्बर इस्लामिक कानून लागू करना चाहते हैं। हम देख रहे हैं कि हिंदू मंदिरों, संतों और हिंदू समुदाय पर हमले हो रहे हैं और सरकार का कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं है। यह कोई हैरानी की बात नहीं है, और मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

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भाजपा प्रवक्ता एस. प्रकाश ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सुरक्षा मंजूरी की व्यवस्था पहले थी, लेकिन अब इसे हटा दिया गया है। यह बांगलादेश सरकार के गहरे संकट का संकेत है। यह बदलाव बांगलादेश में उस समय हो रहा है जब वहां इस्लामिक तत्वों का शासन बढ़ रहा है और सरकार का कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं रह गया है। अब, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक स्थल लगातार हमलों का शिकार हो रहे हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि वहां की कानून-व्यवस्था प्रणाली बुरी तरह से कमजोर हो गई है।

सिद्दारमैया द्वारा ईडी पर जानबूझकर रिपोर्ट लीक करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि सिद्दारमैया को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। जस्टिस कुना की रिपोर्ट जानबूझकर चुनिंदा मीडिया को लीक की गई ताकि येदियुरप्पा और डॉ. सुधाकर की छवि खराब की जा सके। इसलिए वह इसके लिए आदर्श हैं। आज जब ईडी ने मुडा में 700 करोड़ रुपये की अनियमितताओं के बारे में लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपी है, तो वे ईडी पर जानबूझकर रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्हें इसके बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए, इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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