वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थलापति विजय की पार्टी, 16 अप्रैल को सुनवाई  

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। वक्फ संशोधन कानून के लागू होने के बाद भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कानून के खिलाफ विपक्षी दल और मुस्लिम संगठनों के विरोध के बीच इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं। इसी कड़ी में रविवार को तमिल फिल्म अभिनेता थलापति विजय की पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की।

तमिल फिल्म अभिनेता और राजनेता थलपति विजय की पार्टी तमिलनाडु वेत्री कझगम (टीवीके) ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई निर्धारित है।

हालांकि, इस अधिनियम के समर्थन में भी कई अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जा चुकी हैं।

आपको बताते चलें इस मामले में केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है। याचिका में केंद्र ने कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले केंद्र सरकार की दलील भी सुने। केंद्र सरकार का कहना है कि अदालत को बिना सुनवाई के कोई एकतरफा आदेश पारित नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार ने कैविएट याचिका में स्पष्ट किया है कि उसे इस महत्वपूर्ण मामले में अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर मिलना चाहिए, ताकि अदालत द्वारा कोई भी निर्णय पारित करते समय केंद्र की दलील भी शामिल हो सकें।

ज्ञात हो कि संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल चुकी है। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।

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विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद लोकसभा ने 3 अप्रैल को और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को इसे मंजूरी प्रदान की। लोकसभा में इसके समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे, जबकि ऊपरी सदन में इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े थे।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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