चिंता अंकों में दांव लगाकर गाढ़ी कमाई लुटा रहे गरीब, पुलिस की नाक के नीचे चल रहा गेसिंग का धंधा

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 2ता.बिहार | राजधानी में गेसिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. कई थाना इलाकों में गेसिंग माफियाओं ने अपनी अवैध दुकानें सजा रखी हैं. यह सब कुछ पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है. तेजी से बढ़ रहे जुए के इस खेल को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. ‘हिन्दुस्तान’ की टीम जब पहचान छिपाकर गेसिंग के सेंटर पर पहुंची तो वहां बैठे माफिया ने आराम से 11 रुपये के हिसाब से पांच टिकट दे दिए. उसने बाकायदा इसका रिजल्ट आने का समय भी बता दिया.

यह दावा किया गया कि इसमें जीत हुई तो कई गुना ज्यादा मुनाफा होगा. कुछ जगहों पर गेसिंग माफिया झोपड़ी बनाकर ये अवैध धंधे करते हैं. कई बार पुलिस की गाड़ी उसी से रास्ते से गुजरती है, लेकिन उससे गेसिंग माफियाओं को कोई फर्क नहीं पड़ता.ज्यादातर लोगों के डूब जाते हैं रुपये गेसिंग यानी एक तरह की लॉटरी का टिकट 11 रुपये में मिलता है. 0 से लेकर 10 तक के नंबर को ग्राहक चुनते हैं. किसी एक नंबर जैसे कि 5 पर दांव लगाया जाता है. रुपये देने के बाद गेसिंग सेंटर पर बैठा माफिया ग्राहक को एक टिकट देता है. हर आधे घंटे पर इसका रिजल्ट निकलता है. अगर दांव में लगाया गया ग्राहक का नंबर रिजल्ट में निकला तो 11 रुपये के एवज में उसे सौ रुपये दिये जाते हैं. माफिया चालाकी से ऐसे नंबर को रिजल्ट में लाते हैं जिस पर ज्यादातर लोगों ने दांव नहीं लगाया हो. इस खेल को खेलने वाले ज्यादातर लोगों के रुपये डूब जाते हैं.

रेलवे यार्ड के पास एक युवक गोली लगने से घायल ,आरोपी मौके से फरार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *