प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत साढ़े पांच मीटर चौड़ी होंगी सड़के।

कृपा शंकर पांडेय ओबरा/सोनभद्र-चोपन ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले करगरा में नई तकनीक एफ.डी.आर से बनने वाली रोड को लेकर जिले में चर्चा जोरों पर है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की पहल पर नई तकनीक एफ.डी.आर को रोड बनाने के लिए स्वीकृति मिल गई है। साढ़े पांच मीटर चौड़ी व 14.550 किलोमीटर लंम्बाई में कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। जिसको लेकर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में सोमवार को ट्रॉयल पैच कर कार्य स्थल का निरीक्षण किया गया।

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत करगरा से अलऊर सम्पर्क मार्ग को नयी तकनीकी एफ.डी.आर से साढ़े पांच मीटर चौड़ी व 14.550 किलोमीटर लंम्बाई में कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक में पुरानी सड़क के पूरे क्रस्ट का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इस नई तकनीक में स्टोन एग्रीगेट यानी गिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती। एफ.डी.आर तकनीक की खास बात यह है कि, इसमें सड़क का निर्माण बहुत तेजी से होता है और मरम्मत के दौरान खर्च भी कम आता है। अधिकारियों ने बताया, विशेष मशीनों से क्रस्ट व सीमेंट को मिलाकर सड़क बनती है। जो अपने आप मे अलग ही खासियत को बयां करती है। पायलट योजना की सड़कें साढ़े पांच मीटर चौड़ी होंगी। यदि मिट्टी की सड़क भी होगी तो कुछ गिट्टी का प्रयोग करके कम लागत में सड़क बन जाएगी।

सड़क पर प्रति किलोमीटर खर्च कम आएगा और मजबूती अधिक होने से अन्य सड़कों की अपेक्षा उम्र भी लम्बी होगी। साथ ही पर्यावरण भी अनूकूल रहेगा। नए तकनीक से बन रहे रोड ट्रायल के दौरान स्थानीय जनता में उत्सुकता साफ देखी जा सकती है। ट्रायल पैच के दौरान कार्य स्थल पर अवर अभियंता शिवराज यादव, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, कलिंद सिंह, यूपी आर.आर.डी.ए (पी.एम.यू) इंजिनियर आशुतोष मिश्रा उपस्थित रहे। कार्य स्थल पर मुख्य विकास अधिकारी सोनभद्र, परियोजना निदेशक सोनभद्र तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता उपस्थित रहे।

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