CPCB दिशानिर्देशों के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई.! प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करना.!
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी नई दिल्ली-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने ‘निरीक्षण, रिपोर्ट तैयार करने और कार्रवाई के लिए एक मानक प्रोटोकॉल’ तैयार किया है। इस प्रोटोकॉल में निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
सामान्य तौर पर, मामूली गैर-अनुपालन के लिए, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप इकाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत बंद करने के निर्देश जारी करने से पहले इकाई को एक अवसर दिया जाता है। हालाकि, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत बंद करने के निर्देश सीधे इकाई को तब जारी किए जाते हैं, जब यह निर्धारित पर्यावरणीय मानकों और अन्य कमियों के संबंध में बड़े स्तर पर गैर-अनुपालन करता है, जिससे पर्यावरण को गंभीर चोट पहुँचने की संभावना होती है। ऐसे कुछ गंभीर गैर-अनुपालनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
i. आंशिक रूप से उपचारित या अनुपचारित प्रवाह और उत्सर्जन का कोई भी बाईपास निर्वहन देखा जाना।
ii. उपचारित या अनुपचारित पानी या दोनों को भूजल में डालना (रिवर्स बोरिंग)।
iii. निष्क्रिय प्रवाह उपचार संयंत्र (ईटीपी) या वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण (एपीसीडी) वाली परिचालन इकाई और/या ईटीपी या एपीसीडी की स्थापना के बिना संचालित होना।
iv. खतरनाक कचरे के अनधिकृत निपटान या डंपिंग से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होने की संभावना।
ऑनलाइन सतत प्रवाह/उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएमएस) के आधार पर, सीपीसीबी ने 2020 से 215 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया है, जिनमें से 83 इकाइयां पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन नहीं करती पाई गईं। उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर, कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना सीधे 7 इकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए थे। इन सभी 7 इकाइयों ने बाद में निर्धारित पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन किया है। सीपीसीबी द्वारा सीधे जिन 7 इकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए थे उनकी सूची इस प्रकार है:
क्र. सं. | इकाई का नाम | क्षेत्र |
1 | मैसर्स मिथिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (समस्तीपुर डेरी), समस्तीपुर, बिहार | दुग्ध |
2 | मैसर्स हेमा लैबोरेट्रीज, रायचूर, कर्नाटक | दवा |
3 | मैसर्स नियोक्स स्पेशलिटी पेपर मिल, मेहसाणा, गुजरात | पल्प एवं पेपर |
4 | जागृति शुगर एंड किल्ड इंडस्ट्रीज लताड, देवनी, महाराष्ट्र | चीनी |
5 | धाराशिव सहकार कारखाना लिमिटेड, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र | चीनी |
6 | आस्तिक डाईस्टफ प्राइवेट लिमिटेड, अंकलेश्वर, गुजरात | डाई एवं डाई इंटरमीडिएट |
7 | मैसर्स अथानी शुगर्स लिमिटेड, महाराष्ट्र | चीनी |
यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।