नगरीय निकायों में पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ कार्य किया जा रहा-ए के शर्मा

अवमुक्त धनराशि में से अब तक 8.1 प्रतिशत व्यय किये गये-प्रमुख सचिव 
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 12ता.लखनऊ-मुख्यमंत्री की मंशानुरूप प्रदेश के नगरीय निकायों में नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने और संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन को पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए नगर विकास और सूडा को मिलाकर कुल 27717.47 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया, जिसमें से अब तक 31.5 प्रतिशत धनराशि स्वीकृत की गयी और इसमें से 53.1 प्रतिशत धनराशि खर्च की जा चुकी है। इसी प्रकार नगर विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राविधानित बजट 20196.88 करोड़ रूपये में से पंूजीगत एवं राजस्व मद में स्वीकृत धनराशि 6085.37 करोड़ रूपये का अब तक 44 प्रतिशत धनराशि खर्च की गयी।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नगर विकास विभाग शहरी व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। संचालित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और आवंटित धनराशि को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप व्यय करने के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि सितम्बर माह में 3900 करोड़ रूपये की और वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने का लक्ष्य है। अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जारी धनराशि का समय से गुणवत्तापूर्ण ढंग से व्यय करना सुनिश्चित किया जाय। प्रदेश में होने वाले कुम्भ मेला-2025 के लिए भी 2500 करोड़ रूपये का बजट का प्राविधान है जिसमें से 1000 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में नगर विकास विभाग के पूंजीगत मद में 2700 करोड़ के बजट प्राविधान के सापेक्ष अभी तक 37.8 प्रतिशत अर्थात कुल 1020.30 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी। इसमें से अब तक 8.1 प्रतिशत अर्थात कुल 82.78 करोड़ रूपये व्यय किये जा चुके हैं। इसी प्रकार कुम्भ के लिए जारी 2500 करोड़ रूपये के बजट में से कुम्भ मेला क्षेत्र के अन्तर्गत वृहद निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर विकास विभाग द्वारा भी अन्य विभागों के सापेक्ष ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत की गयी हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि को निर्धारित समय में व्यय किया जायेगा, इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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उन्होंने बताया कि विगत वर्षों के सापेक्ष इस वर्ष बजटीय स्वीकृतियां ज्यादा जारी की गयी हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट प्रावधान 27717.47 करोड़ रूपये के सापेक्ष अब तक 31.5 प्रतिशत की वित्तीय स्वीकृति की गयी, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट प्राविधान 25949.44 करोड़ रूपये के सापेक्ष सितम्बर माह तक में 12.5 प्रतिशत की वित्तीय स्वीकृति तथा वर्ष 2021-22 में 23977.62 करोड़ रूपये के बजट के सापेक्ष इसी माह तक में 5.3 प्रतिशत की वित्तीय स्वीकृति की गयी।
नगर विकास विभाग ने प्रदेश के दैनिक हिन्दुस्तान समाचार पत्र के 10 नवम्बर, 2023 के अंक में ‘‘नगर विकास का 0.7 प्रतिशत बजट खर्च‘‘ शीर्षक से प्रकाशित समाचार का संज्ञान लिया। जिसमें यह भी उल्लेख किया गया था कि वर्ष 2023-24 के लिये यूपी के बजट में विकास कार्यों के लिये (पंूजीगत परिव्यय) आवंटित बजट में से वित्तीय वर्ष के 05 माह बीत जाने के बाद कुल प्रगति 17.2 प्रतिशत ही है।

कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित उपरोक्त समाचार में नगर विकास विभाग तथा नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग के केवल पूंजीगत मद के बजट रू0 2700 करोड़ के संदर्भ में आंकड़ों का उल्लेख किया गया है, जो पूर्णरूपेण अद्यतन भी नहीं है। अतः अनुरोध है कि नगर विकास विभाग के विषय में इस प्रकार का कोई भी तथ्यात्मक समाचार प्रकाशित किये जाने के पूर्व तथ्यों की भलीभांति पुष्टि करा ली जाय, जिससे कि जनसामान्य में विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव की सम्भावना न रहे।

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