यमुना के डूब क्षेत्र को संवारने की तैयारी, नए प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहा डीडीए

नई दिल्ली, (मिडिया हाउस)। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने यमुना के डूब क्षेत्र के पुननिर्माण का काम शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत अभी तक डीडीए के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जुलाई में आई बाढ़ से नुकसान का आकलन किया है। जिसमें जुलाई में यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद जो बाढ़ राजधानी के विभिन्न इलाकों में आई थी। उससे यमुना के डूब क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को काफी नुकसान पहुंचा था। सबसे ज्यादा नुकसान असिता पूर्वी के डूब क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों व कई प्रोजेक्ट को हुआ है। जिसमें 90 हजार से अधिक पौधे व 29 लाख लगाई गई घास पूरी तरह से बर्बाद हुई है। इसके अलावा कई किस्म के पौधे व विकसित किए गए हरित मार्ग भी खराब हुए हैं। साथ ही, जलीय व स्थलीय पक्षियों के लिए अनुकूल आवास भी बनाए गए।

डीडीए इन सभी पर इसी माह से काम शुरू

विकास मार्ग से आईटीओ बैराज के 100 से 150 मीटर के इलाके को हरि मार्ग के तहत विकसित किया गया है। बच्चों के खेलने के लिए योग और चिंतन करने के लिए जगहों को तैयार किया गया है। असीता पूर्वी डूब क्षेत्र में जैविक शौचालय, छाया कक्ष, सेल्फी पाइंट को विकसित हुए। इसके अतिरिक्त डूब क्षेत्र में जल निकायों की बहाली भी की गई। इन सभी को बाढ़ के कारण क्षति पहुंची है। अब, डीडीए इन सभी पर इसी माह से काम शुरू करेगा। साथ ही, डीडीए की योजना है कि सभी पुनर्निर्माण का कार्य अगले वर्ष मार्च तक पूरा हो जाए।

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डूब क्षेत्र के नए प्रोजेक्ट में यह काम होगा

– बच्चों के खेलने के लिए कई झूले व पैदल मार्ग बनेंगे।

– लोगों के लिए डूब क्षेत्र को खूबसूरत बनाने के लिए कई विकास कार्य होंगे।

– जलाशयों का भी निर्माण होगा और इसमें मछलियों को भी डालने की योजना है।

– डूब क्षेत्र में जलाशयों को विकसित करते हुए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।

– कई लाख पौधे रोपे जाएंगे और घास लगाई जाएगी।

– डूब क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए कई शानदार फूलों के पौधे भी स्थापित होंगे।

– डूब क्षेत्र में कई तरह के फव्वारे का भी निर्माण करने की योजना है।

– इन क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

कई किस्म के सुंदर पौधे लगाने पर जोर

इस संबंध में डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जुलाई में आई यमुना में बाढ़ के कारण डूब क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों व कई प्रोजेक्ट को काफी नुकसान हुआ है। इन सभी नुकसान का आकलन किया गया है। इसमें ड्रोन का भी सहयोग लिया गया है। कुछ आकलन से जुड़े काम जो रह गए हैं, उन्हें भी पूरा करेंगे। इस माह से डूब क्षेत्र के पुनर्निर्माण के काम को शुरू करने की योजना बनाई गई है। हमें उम्मीद है कि अगले वर्ष मार्च व अप्रैल तक असीता पूर्व व कुछ अन्य डूब क्षेत्र के कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। बाढ़ के कारण जो भी क्षति पहुंची है। इससे डीडीए को भी डूब क्षेत्र के पुनर्निर्माण कार्यों के लिए एक बेहतर अनुभव मिला है। अब कई किस्मों के सुंदर पौधे लगाए जाएंगे। जिससे इस क्षेत्र में वनस्पति में बढ़ोतरी जल्द से जल्द हो सके।

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अगले वर्ष डूब क्षेत्र के कई प्रोजेक्ट होंगे शुरू

वहीं, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अगले वर्ष डीडीए के कई अन्य डूब क्षेत्र के प्रोजेक्ट के काम को शुरू किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। इसमें मयूर विहार नेचर पार्क, इको-पर्यटन क्षेत्र और हिंडन सरोवर का प्रोजेक्ट शामिल हैं। मयुर विहार नेचर पार्क, जो यमुना के पूर्वी बैंक में निजामुद्दीन ब्रिज से डीएनडी फ्लाईओवर के रूट पर मौजूद है। यहां पर कुल 397.8 हेक्टेयर (982 एकड़) की जमीन पर संभावित 80 करोड़ रुपये की लागत से डूब क्षेत्र में प्रोजेक्ट शुरू होगा।

आईटीओ बैराज में मौजूद

वहीं, इको-पर्यटन क्षेत्र जो यमुना के पूर्वी बैंक में गीता कॉलोनी ब्रिज से आईटीओ बैराज में मौजूद हैं। यहां पर नया प्रोजेक्ट शुरू होगा। इको-पर्यटन क्षेत्र में 30 हेक्टेयर (74 एकड़) जमीन पर लगभग संभावित 80 करोड़ रुपये की लागत से प्रोजेक्ट पर काम होगा। इसके अलावा, यमुना के पूर्वी बैंक में निजामुद्दीन ब्रिज से डीएनडी फ्लाईओवर पर मौजूद हिंडन सरोवर के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू होगा। इसमें 45 हेक्टेयर (112 एकड़) की जमीन पर डीडीए प्रोजेक्ट शुरू करेगा। इस प्रोजेक्ट को लगभग संभावित एक करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया जाएगा।

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