भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव में दिखी साझा समृद्ध विरासत की झलक
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी लखनऊ-नेपाल के लुंबिनी प्रांत में 8-9 दिसंबर को भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें दोनों देशों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करनी वाली कई शानदार प्रस्तुति देखने को मिली।
महोत्सव का आयोजन काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने लुंबिनी विकास ट्रस्ट और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग से किया। भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव के इस उद्घाटन संस्करण में बौद्ध धर्म पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत और नेपाल की समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपराओं को दर्शाया गया। इस फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ ही भारत के लद्दाख में हेमिस मठ के भिक्षु कलाकारों द्वारा तैयार एक रेत मंडला ड्राइंग कला प्रदर्शनी, प्रसिद्ध फोटोग्राफर बेनॉय बहल की तस्वीरों पर आधारित एक फोटो प्रदर्शनी और स्ट्रीट फूड फेस्टिवल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।
भारतीय उच्चायुक्त नवीन श्रीवास्तव, नेपाल के पर्यटन मंत्री सूडान किराती और लुंबिनी के मुख्यमंत्री दिली बहादुर चौधरी ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिस दौरान बौद्ध विरासत स्थलों की आश्चर्यजनक तस्वीरों के संग्रह वाली एक फोटो प्रदर्शनी भी लॉन्च की गई। इस दौरान भारत के लेह स्थित थिक्से मठ के कलाकारों ने चाम नृत्य, दूतावास स्थित स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने भरतनाट्यम और स्थानीय कलाकारों ने थारू नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कार्यक्रम में भारत-नेपाल के सांस्कृतिक परिदृश्य की समृद्ध छवि को हाइलाइट किया गया। इसमें सांसदों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ ही कला एवं संस्कृति के प्रति उत्साही लोगों सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।
यह महोत्सव अब प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा और साझा विरासत, परंपराओं एवं संस्कृति का जश्न मनाने के लिए भारत और नेपाल के लोगों को एक मंच पर लाया जाएगा। (रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)