पर्यावरण को स्वच्छ रखने की जिम्मेवारी हमसभी की, नहीं सम्हले तो वातावरण के अस्तित्व पर खतरा संभव : अमर बाउरी 

प्लास्टिक का उपयोग से करें परहेज, पर्यावरण को बचाने मे निभाएं अग्रिम भूमिका- डीएफओ बोकारो
ऑर्गेनिक खेती के जरिये पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है- डीडीसी 
प्रकृति को बैलेंस करते हुए हम लोग आगे बढ़ें- एसडीओ चास
मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी 05ता॰बोकारो। बोकारो वन प्रमंडल बोकारो के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चंदनकियारी स्थित स्वामी विवेकानंद अटल स्मृति उद्यान में ” Beat Plastic Pollution (बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन) पर कार्यक्रम आयोजित की गई है। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक चंदनकियारी अमर कुमार बाउरी के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम  की शुरुआत की गई। मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्री,अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, चंदनकियारी प्रमुख निवारण कुमार सिंह सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार एवं अंचल अधिकारी रामा रविदास उपस्थित थे। इस अवसर गणमान्य सभी अतिथियों का स्वागत के साथ मोमेंटो भेंट की गई। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात सभी अतिथियों के द्वारा पौधारोपण भी किया गया। चन्दनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि मनुष्य इस पर्यावरण में सबसे स्वार्थी है इसके कारण आज पर्यावरण मुश्किल में है। अगर पर्यावरण को हमलोग नहीं सुधारे तो आने वाले समय में इसके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगी। पर्यावरण है तभी हम आप हैं इसीलिए इसका संरक्षण करना सभी का दायित्व बनता है। आज जिस तरह से पेड़ पौधे काट कर धरती कंक्रीट हो रहा है, जिसके कारण जल का स्तर काफी नीचे चला गया है। विधायक ने कहा कि प्रकृति की ओर से मानव को रहने  के लिए पृथ्वी पर स्वच्छ वातावरण मिली, जिसमें पेड़ पौधे, नदी, तालाब, जंगल, जीव जंतु शामिल है। लेकिन अब यह प्रकृति उतना स्वच्छ नहीं रहा। उन्होंने आगे कहा की हम लोगों को प्राकृतिक से उतना ही लेना चाहिए जितना हमें जरूरत है। ज्यादा लोभ लालच में चले जाएंगे तब प्रकृति खत्म हो जाएगी। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करें तथा पर्यावरण को बचाएं। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से लाइफ मिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके तहत धरती, पेड़ पौधे, जल, जीव जंतु सहित पर्यावरण को किस तरह बचाया जाए यही बात लोगों को सिखाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कई वर्षों में बाढ़, चक्रवात एवं जंगल में आग की घटना में लगभग 5 गुना बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए मुख्य कारक ऊर्जा का अंधाधुन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष इस्तेमाल करना है। इसको ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हमारे देश द्वारा विश्व स्तर पर मिशन लाइफ़ प्रारंभ किया गया है। इसके तहत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 से 2028 तक भारतीय एवं विदेशी नागरिक तक इस मिशन को पहुंचाने के साथ-साथ भारतवर्ष के 80 प्रतिशत गांव को पर्यावरण समृद्ध बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्री ने बताया कि प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाना हमारी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को सुधारने में सर्वप्रथम मिट्टी को सुधार करना होगा, जिसके तहत मिट्टी में रासायनिक खाद न देकर, ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करें। इससे पेड़ पौधे व जलवायु में सुधार होगा। साथ ही उन्होंने सभी लोगों को ऑर्गेनिक खेती करने को कहा, जिसके तहत पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। डीडीसी ने कहा कि आज के समय मे जल, नदियां एवं तालाब को संरक्षण करना बहुत जरूरी है। आज के समय मे लोग नदी एवं तालाब को पोलूशन करते आ रहे हैं। साथ ही इसमें प्लास्टिक भी फेक रहे हैं। इसके लिए अगर हमलोग प्लास्टिक नहीं फेंके तो नदी तालाब को बचाया जा सकता है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है। पेड़ पौधा का संरक्षण करने के लिए लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है। उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्ती श्री ने उपस्थित ग्रामीणों को माइक्रो ऑर्गेनिक खेती करने पर जोर दिया, जिसके माध्यम से पानी की बचत की जा सकती है। इसके तहत जिले में पिछले वर्ष में जिले में 850 एकड़ भूमि पर माइक्रो इरिगेशन किया गया है। यह 5 साल के रिकॉर्ड में यह बहुत ज्यादा है। इसके तहत माइक्रो इरिगेशन एवं डीप इरीगेशन का प्रयोग करते हुए खेती करें तो पानी का बचत किया जा सकता है। इसके साथ ही साथ पर्यावरण को संरक्षण किया जा सकता है। अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने बताया कि हमलोग जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं जिसमें कहीं ना कहीं पर्यावरण है, जिसमें जलवायु, पेड़-पौधे, जीव जंतु वहां तक हम लोगों ने क्षति पहुंचाई है। पर्यावरण और समाज का जो समन्वय था उसको कहां तक क्षति हुई है। इसके बारे में हमें सोचना चाहिए, केबल पौधा लगाने से ही नहीं होगा। इसके लिए यह जरूरी है कि हर एक व्यक्ति अपने परिवार में इस विषय को समझें यह बहुत जरूरी है जो नेचर है उसको बैलेंस करके हम लोग आगे बढ़ सकते हैं। आप देख रहे हैं कि गर्मी का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जहां पर हर वर्ष बहुत अच्छी बारिश होती थी। वहां सूखा पड़ रहा है यह सारे परिणाम है। उन्होंने कहा कि हम लोग अपने गांव को अपने आसपास के क्षेत्रों को ना केवल स्वच्छ रखें। इसमें कोशिश करें जो आसपास में जो नदी और पेड़ पौधे हैं उसे ठेस नहीं पहुंचाना है और यह भी समझना है कि जो हमारी धरती माँ है उसी से हमारा पेट भरता है। इसी संदेश को लेकर हमलोग अपने-अपने घर जाएंगे तथा पर्यावरण को बचाने में हमलोग पूर्ण सहयोग करेंगे। Meri LiFE ऐप केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा लॉन्च किया गया है। ऐप मिशन LiFE पर की जा रही प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक संरचित तरीका बनाने में मदद करेगा। यह पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा देने वाला एक वैश्विक जन आंदोलन है। मेरी लाइफ एप का उद्देश्य दैनिक जीवन में सरल कार्यों के प्रभाव पर ज़ोर देकर पर्यावरण को बचाने में नागरिकों, विशेष रूप से युवा लोगों की शक्ति का प्रदर्शन करना है।एप मिशन LiFE को प्रगति की निगरानी करने हेतु एक संगठित साधन प्रदान करके पर्यावरण के लिये जीवनशैली (Lifestyle for Environment- LiFE) हेतु एक राष्ट्रीय आंदोलन को उत्प्रेरित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह उपयोगकर्त्ताओं को पाँच थीम के तहत जीवन से संबंधित कार्यों की एक शृंखला में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करता है, ये थीम हैं-  ऊर्जा बचाओ, जल बचाओ, एकल उपयोग प्लास्टिक को कम करो, सतत् खाद्य प्रणाली को अपनाओ और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाओ।कार्यक्रम के अंत में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया तथा सभी ग्रामीणों को फलदार पौधे भी दिया गया जिसे अपने अपने खेतों में लगाए तथा इसे संरक्षित करें। इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदनक्यारी, अंचल अधिकारी चंदनक्यारी सहित अन्य जन प्रतिनिधि गन उपस्थित थे।

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