जम्मू-कश्मीर में वाहनों की एंट्री पर सख्ती, बिना वैध दस्तावेजों के नहीं कर सकेंगे प्रवेश

कठुआ, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में अब बिना वैध दस्तावेजों के वाहनों की एंट्री नहीं होगी। प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विशेष पाल महाजन ने गुरुवार को कठुआ दौरे के दौरान बताया कि जल्द ही एक मानव रहित प्रणाली विकसित की जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री वाहन, खासकर बसें, राज्य में प्रवेश करने से पहले ही अपना यात्री टैक्स ऑनलाइन चुका सकेंगी।

इस प्रणाली के माध्यम से कोई भी वाहन बिना वैध दस्तावेजों और फिटनेस के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। महाजन ने बताया कि इस प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है और अगले तीन से चार महीने में इसे पूर्ण रूप से लागू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि टोल पोस्ट के समाप्त होने के बाद बहुत से चेक और बैलेंस खत्म हो गए थे, जिससे नियमों के उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं। यह नई प्रणाली पूरी तरह से टेक्नोलॉजी आधारित होगी, जिससे ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सकेगा। जम्मू-कश्मीर में गाड़ी के प्रवेश करने से पहले ही ऑनलाइन फीस अदा कर सकेगी। इसके लिए क्यूआर कोड, लिंक जैसी आधुनिक तकनीकों पर काम किया जा रहा है। कुछ तकनीकी संस्थाओं के साथ भी बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अनफिट वाहनों की एंट्री को सख्ती से रोका जाएगा और इसके लिए विशेष अभियान भी चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक तकनीकी प्रणाली पूरी तरह लागू नहीं हो जाती, तब तक विशेष टीमों के माध्यम से वाहनों की जांच जारी रहेगी।

कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कोई दान नहीं है, बल्कि समाज के प्रति एक कर्तव्य और ज़िम्मेदारी है

महाजन ने बताया कि प्रदेश में लंबे समय से लंबित पड़े ड्राइविंग लाइसेंस की प्रिंटिंग प्रक्रिया को अब तेजी से पूरा किया जा रहा है। कुल 90 हजार लंबित लाइसेंसों में से लगभग 69 हजार की प्रिंटिंग पूरी हो चुकी है और 25 हजार से अधिक कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे भी जा चुके हैं। मुझे खुशी है कि कई लोगों को ट्विटर के माध्यम से यह बताते हुए देखा कि उन्हें अपना लाइसेंस डाक से मिल चुका है। जो बैकलॉग बचा है वह अगले कुछ दिनों में पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के लाइसेंस गलत पते या अन्य कारणों से वापस आ जाते हैं, उनके लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों की जानकारी सार्वजनिक सूचना के माध्यम से दी जाएगी, ताकि कोई भी नागरिक अपने दस्तावेजों से वंचित न रहे।

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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