पासर के नाम पर पुलिस कर रही है उत्पीड़न, स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश-विकाश शाक्य ऐडवोकेट

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी सोनभद्र- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक यादव ने पासर के नाम पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए अभियुक्त राम नगीना चौहान व रामेश्वर सिंह उर्फ पप्पू सिंह का रिमांड निरस्त करते हुए विवेचक के विरुद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की अवमानना के आरोप में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

थाना कोतवाली रावर्ट्सगंज की पुलिस पासर के नाम पर मु० अ० संख्या 202 / 2024 धारा ध 186,279 ,379, 411 भा०द०वि० 3/ 58/ 72 उ० प्र० उप खनिज परिहार नियमावली 4/ 21खान एवं खनिज (विकास का विनियमन) अधिनियम व 3 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम में राम नगीना चौहान व रामेश्वर सिंह और पप्पू सिंह को गिरफ्तार कर सी०जी०एम० न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियुक्त राम नगीना चौहान की ओर से अधिवक्ता विकाश शाक्य ने पुलिस रिमांड को चुनौती दी।

पुलिस रिमांड को निरस्त करने की याचना करते हुए अधिवक्ता श्री शाक्य ने इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का अवमानना बताया साथ ही न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत किया कि राम नगीना चौहान अपनी पत्नी का दवा लेने रवर्ट्सगंज आया हुआ था उसे पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसा कर चालान कर दिया है। विवेचक और अभियोजन ने अभियुक्त के ऊपर 41 ए की नोटिस तमिल नहीं करने और विवेचना में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया परंतु न्यायालय अभियोजन व पुलिस के तर्कों पर सहमत नहीं हुई और अभियुक्त की गिरफ्तारी को प्रथम दृष्ट्या विधि विरुद्ध माना। विवेचक को इस बात का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है कि क्यों ना उसके विरुद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की अवहेलना किये जाने पर उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई हेतु माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद को पत्र संदर्भित किया जाए। आदेश की एक प्रति पुलिस अधीक्षक को भी भेजा है।
विकाश शाक्य ऐडवोकेट ने रिमांड पर चुनौती देने के तर्को को सुनाने के बाद न्यायालय ने 20 हजार के मुचालिका पर अभियुक्तों को रिहा कर दिया है और पुलिस रिमांड निरस्त कर दिया।

शिकायतकर्ताओं की शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध तरीके से किया जाये सुनिश्चित-जिलाधिकारी

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