रामलीला में परशुराम और लक्ष्मण के बीच हुए तीखे संवाद

कृपा शंकर पांडेय चोपन/सोनभद्र-स्थानीय रेलवे रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में मंगलवार की रात में धनुष भंग लीला का मंचन कलाकारों ने किया तत्पचात बुधवार की रात परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन किया गया जिसको देखने सुनने के लिए पूरी रात भीड़ जमी रही। जब परशुराम को भगवान राम के अवतार के बारे में ज्ञान हुआ तो उन्होंने अपने संदेह को दूर करने के लिए धनुष उन्हें दिया। पुत्री सीता के विवाह के लिए राजा जनक ने सीता स्वयंवर का आयोजन किया। उपस्थित राजा जब धनुष को उठाना तो दूर हिला तक नहीं सके तो परेशान होकर राजा जनक विलाप करने लगे उन्होंने कहा कि उन्हें आज पता चला कि पृथ्वी वीरों से खाली हो चुकी है। जनक का विलाप सुन दर्शक भाव विभोर हो गए। जनक की बातें सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठे तब भगवान राम ने इशारे से उन्हें रोका और विश्वामित्र से आज्ञा लेकर धनुष का भंजन किया। धनुष टूटते ही सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दी। धनुष टूटने की आवाज सुनते ही परशुराम स्वयंवर में आ गए और धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछने लगे इस पर वहां सन्नाटा छा गया। वहीं परशुराम और लक्ष्मण के बीच जमकर शब्दों के बाण चले। परशुराम लक्ष्मण संवाद का लुत्फ उठाने के लिए पूरी रात भीड़ जमी रही। अंत में रामलीला समिति के अध्यक्ष राजन जायसवाल द्वारा उपस्थित सैकड़ो दर्शको को हलुआ पूड़ी का प्रसाद दिया गया और राम लक्ष्मण भरत शत्रुधन को उपहार स्वरूप बरतन,कपड़ा व आभूषण भेट किए गए। स्वागत संचालन संजय चेतन ने किया। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान अली, मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, अशोक सिंघल, राजेंद्र जैन,प्रदीप अग्रवाल डॉ सतेंद्र आर्य, राजू चौरसिया, तीर्थराज शुक्ला, घनश्याम चौधरी, पृथ्वी सिंह, प्रकाश दास, अंकित पांडेय, सुरेश जयसवाल, रामकुमार सोनी, अमर शर्मा, श्यामनारायण दुबे, जितेंद्र जायसवाल, अरविंद, रिंकू अग्रहरी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।