NGT द्वारा गठित टीम ने 7 खदानों का किया निरीक्षण.! खदानों की स्थिति देखकर हुए हैरान.! टीम के आते ही खनन कार्य व प्लांट बंद.! जाते ही चालू.!
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जांच के दौरान लापता मिले पट्टा धारक, माइन्स मैनेजर.!
न नियम, न कानून, न सेप्टी, खुलेआम खनन का धंधा.!
समस्याओं का निदान नहीं, सिर्फ लूट का अड्डा बन गया है.!
सेटिंग पर चल रहा है लूट का खेल, जांच पर होगा बड़ा खलासा.!
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी सोनभद्र/लखनऊ-एनजीटी की टीम आए या शासन प्रशासन की टीम आए पट्टा धारकों क्रशर प्लांट संचालकों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.! टीम आएगी तो खदान बंद कर दो.! टीम जाएगी तो चालू दो.! का धंधा बिगत कई वर्षों से विभागों के संरक्षण में खुलेआम चल रहा है.! अवैध खनन, पर्यावरण, प्रदूषण, भू-जल दोहन, अनियंत्रित ब्लास्टिंग, खदानों की सुरक्षा मानकों पर आज तक रोक नहीं लग पाना.! कार्यवाही के नाम पर सिर्फ फॉर्मेलिटी पूरी करने के लिए कोरम पूरा कर दिया जाना, समस्याओं की स्थिति यथावत बने रहना, 24 घंटे धूल डस्ट में जीने व दूषित पेयजल पीने के लिए के लिए विवश रहना, जनता की सुनने वाला कोई नही.! चाहे वो जिला प्रशासन सोनभद्र, खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी/गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ/सोनभद्र, वन विभाग, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ/सोनभद्र, पुलिस प्रशासन, भूजल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सांसद विधायक मंत्री हो क्या वो समस्याओं से अवगत नहीं है.! पूरा क्षेत्र धूल डस्ट पेय जल संकट के कारण विरान होते जा रहा है विभाग को इसकी चिंता नहीं है.! चिंता है तो सिर्फ लूट की.! उद्योगों का कोई विरोध नहीं करता है उद्योग चले किंतु मानक एवं जनहित पर्यावरण प्रदूषण भूजल दोहन अनियंत्रित विस्फोट लोगों के जीवन व स्वास्थ्य को ध्यान व नियंत्रण में रखते हुए चले.! केंद्र सरकार व राज्य सरकार पर्यावरण, प्रदूषण, भूजल दोहन, जीव जंतुओं के रक्षा व सुरक्षा व भ्रष्टाचार पर नियंत्रण व रोक लगाए जाने की बात कर रही है तो वहीं खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाकर खुलेआम कार्य किया जा रहा है शासन प्रशासन विभागीय अधिकारीयों का मौन बने रहना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है चर्चा है कि सभी की नजर एनजीटी, मुख्यमंत्री के ऊपर टिका हैं कि भ्रष्टाचार में लिफ्ट विभागीय अधिकारियों के ऊपर कारवाई कब होगी.!
NGT में पर्यावरण प्रदूषण भूजल दोहन अनियंत्रित विस्फोट जीव जंतुओं की सुरक्षा मानक के विपरीत होते खनन व नुकसान को लेकर दायर याचिका की जांच को लेकर बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में एनजीटी द्वारा गठित संयुक्त टीम ने सात खदानों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। टीम के आने की सूचना पर पहले से ही सभी खदानों एवं क्रशर प्लांटों को बंद कर दिया गया था। निरीक्षण के दौरान संयुक्त टीम ने खदान में खनन से संबंधित मानको गाइडलाइन को लेकर मौके पर मौजूद जिम्मेदारो से पूछताछ किया खदान इतनी गहरी कैसे हो गई खदान की ऊंचाई और गहराई की जांच करा कर रिपोर्ट दीजिए। खदान पर जब पट्टा धारकों, माइंस मैनेजरों के बारे में पूछा तो लापता रहने पर नाराजगी व्यक्त की, कहा जब टीम के आने की सूचना है तो लोग लापता क्यों हैं.! संयुक्त टीम ने खदान में बने रास्ते की चौड़ाई, खदानों में बेंच बनाकर खनन हो रहा है या नहीं, लीज एरिया में पीलर लगा है या नहीं, सेफ्टी व खदान की गहराई जांच का निर्देश दिया। संयुक्त टीम में प्रणय कुमार, सहायक महानिदेशक वन विभाग लखनऊ, राजीव कृष्ण कुमार डायरेक्टर खान सुरक्षा निदेशालय वाराणसी क्षेत्र, सहदेव मिश्रा अपर जिला अधिकारी सोनभद्र, योगेश शुक्ला सर्वेयर खनन विभाग सोनभद्र, अनुराग प्रियदर्शी, वन विभाग ओबरा प्रभागीय वनाधिकारी, क्षेत्रीय लेखपाल आदि विभागीय अधिकारी गण मौजूद रहे।
समस्या गंभीर होने पर भी आज तक रोक क्यों नहीं!
सोनभद्र-क्षेत्र में वैध/अवैध खनन, पर्यावरण, प्रदूषण, भूजल दोहन, मानक के विपरीत गहरी होती खदानों के कारण पेयजल संकट स्थिति गंभीर होना, अनियंत्रित विस्फोट व मानक से अधिक तेज गति से प्रतिदिन विस्फोट का होना, आसपास के घर मकान मंदिर स्कूल कॉलेज का जर्जर होना, खदानों का डेंजर जोन में तब्दील होना, जिला प्रशासन, प्रदूषण विभाग, डीजीएमएस द्वारा खनन पट्टा धारकों व क्रशर प्लांट संचालकों जारी गाइडलाइन का सख्त आदेश निर्देश के बाद भी विगत कई वर्षों से रोक न लगना व पालन न कराया जाना, न शक्त करवाई किया जाना गभीर चिंता का विषय बन गया है।
जांच टीम के आने पर आखिर क्यों बंद कर दिया जाता है खनन कार्य एवं क्रशर प्लांटों का संचालन.!
सोनभद्र – खनन क्षेत्र में जब कोई जांच टीम के आने की सूचना होती है तो विभागीय अधिकारी पहले ही सूचना दे देते हैं ताकि लोग सतर्क हो जाएं.! आखिर ऐसा क्यों किया जाता है ताकि विभागीय अधिकारियों के कारनामे की पोल न खुले.! अगर मानक के अनुरूप व नियमानुसार सभी खदानें व क्रशर प्लांट संचालित है तो विभागीय अधिकारियों व्यवसाईयों को डर किस बात का.! व्यवसाय के ऊपर भी इसका बुरा असर पड़ता है। आखिर क्यों नहीं सभी मानकों का सख्त रूप से पालन करते विभागीय अधिकारी.! लोगों की माने तो अगर जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारी चाह ले तो बिना नियम कानून के एक प्लांट खदान नहीं चल सकता फिर भी समस्याओं की स्थिति का गंभीर बना होना शासन प्रशासन की कार्यशैली संदिग्ध हो गई है!
परमिट के अवैध धंधा पर न रोक न टोक, विभाग मौन.!
बारी-बंद पड़ी खदान में खुलेआम उठ रहा है परमिट.!
डाला सोनभद्र–सूत्रों की माने तो बारी डाला स्थित एक खदान चर्चा का विषय बन गया है चर्चा है कि अवैध खनन के आरोप में खनन विभाग द्वारा उक्त खदान पर सख्त कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए से अधिक का जुर्माना (आरसी) लगाया था जो मामला माननीय न्यायालय में लंबित है.! खदान में खनन कार्य बंद होने वजूद बिना खनन के ही विभागीय अधिकारियों व पट्टा धारक के साठ गांठ से उक्त बन्द पड़ी खदान का काफी समय से परमिट का निकासी कर खुलेआम ऊंचे दर पर परमिट का बेचा जाना विभागीय अधिकारियों का मौन बने रहना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.! बिना खनन कार्य के परमिट का निकासी आखिर कैसे हो रहा है.! परमिट जारी होने के संदर्भ में सर्वेयर से पूछा गया तो सर्वेयर ने कहा कि हमें मालूम नहीं है इसका हम पता कराते हुए मौन हो गए.!
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फाइल-फोटो