खान मंत्रालय द्वारा आयोजित वेबिनार में अवसरों और आगे की राह का हुआ खुलासा

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी नई दिल्ली-खान मंत्रालय ने आज सचिव खान मंत्रालय वी.एल. कांता राव  की अध्यक्षता में ‘भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) और भारतीय खनिज क्षेत्र को लाभ’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार भारतीय खनिज उद्योग को एक साथ लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, ताकि भारत-यूके सीईटीए से उत्पन्न होने वाले संभावित लाभों और अवसरों पर चर्चा की जा सके। आर्थिक सलाहकार (खान), शकील आलम द्वारा संचालित इस वेबिनार में खान मंत्रालय और उसके संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों; लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग (एचसीआई), यूके के मंत्री (आर्थिक); और कई उद्योग संघों जैसे कि फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई), एल्यूमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई), एल्यूमीनियम सेकेंडरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एएसएमए) और मटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई); अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियां, आदि के उद्योग जगत के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

अपने संबोधन में, सचिव (खान) वी.एल. कांता राव ने एफटीए में भागीदार देश में बेहतर बाजार पहुंच और प्रतिस्पर्धात्मकता के संदर्भ में भारतीय खनिज क्षेत्र, विशेष रूप से एल्यूमीनियम उद्योग के लिए अवसरों पर प्रकाश डाला। सीईटीए के प्रावधानों का सही उपयोग करने के लिए, उन्होंने रोडशो के माध्यम से यूके में उत्पादों की मांग को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच आर एंड डी में सहयोग के अवसरों का भी उल्लेख किया।

एल्यूमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से, वेदांता समूह के सीईओ (एल्यूमीनियम),राजीव कुमार ने भारत-यूके सीईटीए के बाद भारतीय एल्यूमीनियम उद्योग के लिए अवसरों पर एक प्रस्तुति दी। नाल्को के सीएमडी,बी.पी. सिंह, बाल्को के सीईओ, श्री राजेश कुमार, एफआईएमआई के डीजी, बी.के. भाटिया; और हिंडाल्को, एएसएमए तथा एमआरएआई के अन्य उद्योगपतियों ने अपने वक्तव्यों में इस व्यापार समझौते का स्वागत किया और उन तरीकों पर प्रकाश डाला जिनसे भारतीय खनिज उद्योग, विशेष रूप से प्राथमिक और माध्यमिक एल्यूमीनियम क्षेत्र, यूके के बाजार में गति प्राप्त कर सकता है।

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जेएनएआरडीडीसी के निदेशक, डॉ. अनुपम अग्निहोत्री ने इस बात पर जानकारी साझा की कि आर एंड डी  में संस्थागत सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग (एचसीआई) की मंत्री (आर्थिक), सुश्री निधि मणि त्रिपाठी ने यूके में विशिष्ट उत्पादों की मांगों को पूरा करके बाजार तक पहुंच के लाभों के बारे में बात की। उन्होंने समझौते में नवाचार पर अध्याय के माध्यम से  आर एंड डी पर काम करने के लिए बेहतरीन गुंजाइश पर भी जोर दिया। इस वेबिनार में उद्योग जगत से 230 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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