ब्रिटेन ने सभी ईयू देशों से मांस, डेयरी उत्पादों के व्यक्तिगत आयात पर क्यों लगाया प्रतिबंध ?

इंग्लैंड, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। यूनाइटेड किंगडम सरकार ने मांस और डेयरी उत्पादों के व्यक्तिगत आयात पर प्रतिबंध का विस्तार करते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) के सभी देशों को इसमें शामिल कर लिया। क्योंकि खुरपका-मुंहपका रोग पूरे महाद्वीप में फैल रहा है।

शनिवार से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले यात्रियों को व्यक्तिगत उपयोग के लिए यूरोपीय संघ के सभी देशों से मवेशी, भेड़, बकरी, सूअर का मांस और डेयरी उत्पाद लाने की अनुमति नहीं होगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सैंडविच, पनीर, संसाधित मांस, कच्चा मांस और दूध जैसी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, चाहे उनकी पैकेजिंग कुछ भी हो या वे शुल्क मुक्त दुकानों से खरीदी गई हों।

सरकार के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य ब्रिटिश पशुधन के स्वास्थ्य, किसानों की सुरक्षा, ब्रिटेन की खाद्य सुरक्षा की रक्षा करना है।

इन वस्तुओं को ले जाते हुए पाए जाने वाले यात्रियों को सीमा पर उन्हें सौंपना होगा या उन्हें जब्त करके नष्ट कर दिया जाएगा। गंभीर मामलों में, उल्लंघनकर्ताओं पर इंग्लैंड में 5,000 पाउंड (6,550 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इस साल की शुरुआत में, ब्रिटेन सरकार ने जर्मनी, हंगरी, स्लोवाकिया और ऑस्ट्रिया से मवेशियों, भेड़ों, अन्य जानवरों और सूअर के मांस के साथ-साथ डेयरी उत्पादों के व्यक्तिगत आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन देशों में खुरपका-मुंहपका रोग के प्रकोप की पुष्टि हुई थी।

हालांकि खुरपका-मुंहपका रोग से मनुष्यों को कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में ब्रिटेन में इसका कोई मामला नहीं है, फिर भी यह एक अत्यधिक संक्रामक विषाणुजनित रोग है, जो मवेशी, भेड़, सूअर, जंगली सूअर, हिरण, लामा और अल्पाका जैसे खुर वाले जानवरों को प्रभावित करता है।

मुंबई : नायर अस्पताल में भर्ती 53 साल के मरीज की जीबीएस सिंड्रोम वायरस से मौत

महाद्वीप पर इस बीमारी का प्रकोप कृषि व्यवसायों और पशुधन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इससे प्रभावित पशुओं की उत्पादकता में कमी, मांस और डेयरी उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक सीमित पहुंच के कारण काफी आर्थिक नुकसान हो सकता है।

–आईएएनएस

एमके/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *