कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड जीत, कौन बनेगा मुख्यमंत्री.!

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 14ता.बेंगलुरु-कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड जीत के बाद राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा की बात को लेकर पार्टी में सस्पेन्स बरकरार है क्योंकि कर्नाटक में दो चेहरे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सीएम की रेस में सबसे आगे हैं। हालांकि इसका फैसला कर्नाटक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में होने की संभावना है। इसमें नए नेता का चुनाव किया जाएगा।
बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक एक प्राइवेट होटल में होगी। इसमें पार्टी के सभी 135 नवनिर्वाचित विधायक शामिल होंगे और अपना नेता चुनेंगे। पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगा।
कांग्रेस के 75 साल के नेता सिद्धारमैया को कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सिद्धारमैया वर्ष 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाल चुके हैं। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पूर्व में कई बार कहा था कि यह मेरा अंतिम चुनाव है। मैं चुनावी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। हालांकि शनिवार को सिद्धारमैया ने संकेत दिया कि उनकी निगाहें भविष्य की संभावनाओं पर टिक गई हैं। मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने की इच्छा जता चुके सिद्धारमैया अब आगे होने वाले घटनाक्रम का इंतजार कर रहे हैं। साल 2013 में एम. मल्लिकार्जुन खरगे (वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष) और तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री को पछाड़ते हुए सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने थे। करीब ढाई दशक से ’जनता परिवार’ से जुड़े रहे और कांग्रेस विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले सिद्धारमैया 2006 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। साल 2004 में खंडित जनादेश के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें कांग्रेस नेता एन. धर्म सिंह मुख्यमंत्री जबकि तत्कालीन जद (एस) नेता सिद्धारमैया को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की तपस्या रंग लाई। अदालती मामलों, आलाकमान के अपने बारे में संदेह और सिद्धारमैया के साथ प्रतिद्वंद्विता से बेपरवाह उन्होंने कड़ा अभियान चलाया। राज्य इकाई के उनके नेतृत्व को एक प्रमुख योगदान के रूप में स्वीकार किया जाता है। अगर सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाता है तो वह कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यह कर्नाटक में अगला बड़ा राजनीतिक शो हो सकता है। दरअसल उनकी महत्वाकांक्षा और उनके प्रयासों को देखते हुए डीके शिवकुमार के कार्यों का कांग्रेस की जीत के बाद के प्रक्षेपवक्र पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।nbt