बीएसएफ एसडीजी मुख्यालय चंडीगढ़ और आईजी बीएसएफ बूरा ने किया राजौरी- पुंछ नियंत्रण रेखा का दौरा
हरी झंडी दिखा कर भारत दर्शन टूर को किया रवाना, बच्चों में उत्साह
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी राजौरी/जम्मू-सीमा सुरक्षा बल के एसडीजी मुख्यालय चंडीगढ़ सतीश एस. खंडारे (आईपीएस) ने बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर मुख्यालय के आईजी दिनेश कुमार बूरा के साथ पुंछ-राजौरी के नियंत्रण रेखा (एलओसी) क्षेत्रों का दौरा किया। यह दौरा इन संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैयारियों की समीक्षा करने के उद्देश्य से किया गया। इस मौके अन्य अधिकारी और जवान भी मौजूद थे। बीएसएफ अधिकारी खंडारे ने जवानों की पीठ भी थपथपाई।
खंडारे ने एलओसी पर तैनात जवानों से बातचीत की और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके समर्पण और चुनौतियों का सामना करते हुए निभाई जा रही जिम्मेदारी की सराहना की। उन्होंने सैनिकों को उच्च मनोबल और पेशेवर अंदाज में कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया।
उसके उपरांत अधिकारी बीएसएफ कैंपस राजौरी पहुंचे, जहाँ उनका स्वागत डीआईजी बीएसएफ राजौरी चंद्र मोहन सिंह रावत ने किया। कैंपस में खंडारे ने ‘भारत दर्शन टूर’ को हरी झंडी दिखाई। यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के 34 छात्रों (लड़कों) को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराने के लिए शुरू की गई है।
13 नवंबर, 2024 से शुरू होने वाला यह 10 दिवसीय टूर जम्मू, अमृतसर, दिल्ली, आगरा और लखनऊ जैसे प्रमुख स्थलों की यात्रा करेगा और 22 नवंबर, 2024 को राजौरी वापस लौटेगा। इस दौरान छात्र भारत की विविध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का अनुभव करेंगे।
छात्रों को संबोधित करते हुए सतीश एस. खंडारे ने कहा कि यह यात्रा उन्हें भारत के सांस्कृतिक इतिहास और विविध परंपराओं को जानने का बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा यह छात्रों को देश की महानता और विरासत को समझने में मदद करेगी और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होंने बीएसएफ की दोहरी भूमिका पर भी प्रकाश डाला कि सीमा सुरक्षा के अलावा बल ऐसी पहल के माध्यम से भारत की विभिन्न समुदायों के बीच एकता और समझ को बढ़ावा देने में सक्रिय है।
यह पहल बीएसएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि कैसे वह देश की भौतिक और सांस्कृतिक सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों और बाकी भारत के लोगों के बीच की दूरी को कम करने के लिए काम कर रही है। अनिल भारद्वाज