भारत की डेटा सेंटर क्षमता 2027 तक 77 प्रतिशत बढ़कर 1.8 गीगावाट तक पहुंचने की राह पर

मुंबई, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत का डेटा सेंटर उद्योग मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है, जिसकी क्षमता 2027 तक 77 प्रतिशत बढ़कर 1.8 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

डेटा सेंटर उद्योग में यह मजबूत विस्तार 2024 में 1 गीगावाट के मील के पत्थर को पार करने के बाद हुआ है। उद्योग 2019 से 24 प्रतिशत सीएजीआर का मजबूत प्रदर्शन कर रहा है।

जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स की मांग और तेजी से बढ़ते एआई क्षेत्र द्वारा संचालित यह वृद्धि भारत को ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के परिदृश्य में एक उभरती शक्ति के रूप में स्थापित करती है।

मुंबई भारत के डेटा सेंटर बाजार में एक लीडर के रूप में उभरा है, जो देश की कुल क्षमता का 52 प्रतिशत हिस्सा रखता है।

यह प्रभुत्व भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में मुंबई की महत्वपूर्ण भूमिका और देश के डेटा हब के रूप में इसकी स्थिति को उजागर करता है।

इसी क्रम में मुंबई के बाद चेन्नई दूसरे स्थान पर है, जहां भारत की डेटा सेंटर क्षमता का 21 प्रतिशत हिस्सा है।

दिलचस्प बात यह है कि बेंगलुरु जिसे भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है और हैदराबाद जैसे स्थापित टेक हब में देश की डेटा सेंटर क्षमता का 7-7 प्रतिशत हिस्सा है।

जेएलएल के एपीएसी लीड (डेटा सेंटर कोलोकेशन लीजिंग) रचित मोहन ने कहा, “भारत एआई मिशन सभी क्षेत्रों में एआई अपनाने को बढ़ावा देगा, जो 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था लक्ष्य में योगदान देगा। भारत में डिजिटल और रियल एस्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 5 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ 785 मेगावाट (आईटी लोड) की नई डेटा सेंटर सप्लाई जोड़ने की उम्मीद है।”

म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप : पीएम मोदी ने जताई चिंता, कहा- भारत हर संभव मदद को तैयार

मोहन ने कहा, “भविष्य की मांग वृद्धि पर अमेरिकी प्रसार नीति की प्रतिकूल परिस्थितियों का असर पड़ने की उम्मीद है, जो एडवांस टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को प्रतिबंधित करती है।”

बीएफएसआई (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंश्योरेंस) और टेक्नोलॉजी सेक्टर ऑक्यूपेंसी में क्रमशः 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का योगदान देते हैं।

भारतीय डेटा सेंटर उद्योग ने 2024 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में शानदार वृद्धि दर्ज की। सप्लाई में सालाना आधार पर 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 114 मेगावाट तक पहुंच गई।

जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आरईआईएस, भारत प्रमुख सामंतक दास ने कहा, “भारतीय डेटा सेंटर उद्योग तीव्र वृद्धि के लिए तैयार है। यह तेजी तकनीकी प्रगति और सहायक सरकारी नीतियों की वजह से देखी जाएगी।”

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट और इसके साथ आने वाले नियम डेटा सुरक्षा परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार हैं।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *