नगरीय विकास कार्यों में स्वच्छता समितियों की संस्तुति पर होगा विचार-ए.के.शर्मा

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी लखनऊ-प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार स्वच्छता में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए नगरीय निकाय में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समितियों को फिर से पुर्नजीवित किया गया है। अब नगरों के विकास कार्यों, नाली, खड़ंजा, सड़क निर्माण में इन समितियों की संस्तुतियों पर भी विचार किया जायेगा। प्रदेश की जीडीपी में नगरीय निकयों का 65 से 70 प्रतिशत योगदान है। निकाय प्रदेश की अर्थ व्यवस्था के चुम्बक होते हैं, इनके वैश्विक व्यवस्थापन के लिए कार्य करना होगा।

प्रदेश के नगर विकास एवं उर्जा मंत्री ने आज नगरीय निकाय निदेशालय में आयोजित “स्वच्छता जन जागृति दिवस” कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति को पुर्नजीवित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वच्छता प्रोत्साहन समितियों के पुनः सक्रिय होने से मैं सभी नगरीय निकायों के सभासद, महापौर और इस समिति के सभी सदस्यों को नगर विकास विभाग की ओर से शुभकामनायें देता हूं। उन्होंने कहा कि आपके क्षेत्रों में आपकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वच्छ भारत अभियान के इस भगीरथ कार्य के लिए स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समितियां की रचना की गई है।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना जब नगर विकास मंत्री थे तब 2017 में उन्होंने स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समितियों की रचना की थी। यह कार्य बहुत दूरगामी सोच को लेकर के किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को सफल बनाने के लिए जन सहयोग से जन आंदोलन का स्वरूप दिया जाता है। आज स्वच्छता के जनांदोलन में आपका सहयोग बहुत आवश्यक है।  प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को जन आंदोलन बनाते हुए इसकी शुरूआत की थी। आज हर आयु वर्ग के लोग स्वच्छता को लेकर जागरूक हैं।

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उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश स्वच्छ होना चाहिए, हमारा परिवेश स्वच्छ होना चाहिए। हम सभी जब तक अपने क्षेत्रों के एक-एक व्यक्ति और संस्थाओं को इस कार्य में नहीं जोड़ेंगे तब तक हमारा प्रदेश स्वच्छ नहीं बनेगा। जन प्रतिनिधि जन भागीदारी के साथ अपने क्षेत्रों में स्वच्छता और सुंदरता को बनाये रखें। उन्होंने कहा कि जहां जो व्यक्ति रहता है, वहां की सफाई में उसका पूरा हित निहित है।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि वार्ड में सभासदों की बहुत अहम भूमिका होती है। अगर किसी भी वार्ड में कोई प्रोजेक्ट बनाना है, कोई नाली का प्रस्ताव मंजूर होना है, तो स्वच्छता समिति की सिफारिश भी आवश्यक है। इसके बिना उसे वार्ड का कोई भी प्रस्ताव न दिया जाए। सभागार में मौजूद अधिकारियों से इस बारे में शासनादेश जारी करने के लिए भी कहा।

मंत्री श्री शर्मा ने स्वच्छ जनादेश अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस अभियान अंतर्गत 11962 पार्षद/सभासदों ने उनके वार्ड में गंदगी, अव्यवस्थाएं के साथ ही सुविधायों की जानकारी डिजिटल माध्यम से दी थी। यह रिपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण है हम इसको प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और साथ ही अन्य राज्यों में भी भेजेंगे। हम आम जनमानस का यह कर्तव्य है कि अपने क्षेत्र की सफाई में योगदान करें और और उसकी सुंदरता के लिए भी कार्य करें।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्लास्टिक हमारे समाज के लिए अभिशाप है। यह पर्यावरण के साथ ही मनुष्य, पशु, पक्षियों, जीव-जंतुओं के जीवन के लिए भी हानिकारक है साथ ही नगरीय क्षेत्रों की नाले-नालियों को चोक करके जलभराव और गन्दगी की समस्या उत्पन्न करती है। इसके लिए वृहद अभियान चलाकर प्लास्टिक को पूर्णतया प्रतिबंध करना चाहिए, जिससे वातावरण स्वच्छ रहे गंभीर बीमारियों से भी आम जनमानस को बचाया जा सके।

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मंत्री जी ने पार्क, चौराहों और सरोवरों के सुन्दरीकारण की बात की। कहा कि यह नगरों के चेहरे होते हैं, इनके सुंदरीकारण और बेहतर व्यवस्थापन से प्रदेश की छवि में बदलाव होता है। जानभागीदारी से ऐसे स्थानों की नियमित देखभाल के साथ ही सुन्दरीकारण का कार्य भी किया जा सकता है। ढेले-खोमचे वालों के लिए फ्लाइ ओवर के नीचे वेंडिंग जोन बनाये जा सकते हैं, जिससव इनका कार्य सुचारु रूप से चलता रहे। गौशालाओं की व्यवस्थाओं में हुए सुधार लाने का प्रयास हो। निकयों में आश्रय स्थल बनाये जाएँ जिससे लोगों को ठण्ड से बचाया जा सके। नगरीय क्षेत्रों में रह रहे गरीब, निराश्रित बेसहारा लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए प्रयास किये जाएँ।

मंत्री श्री शर्मा ने कार्यक्रम में मण्डल स्तर पर कार्य कर रहे मण्डल प्रबंधकों को लैपटॉप वितरित किया। साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए 5 महिलाओं को स्वच्छता लीडर अवार्ड से सम्मानित किया। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा तैयार की गयी स्वच्छ जानादेश का विमोचन किया और उत्कृष्ट सुझाव देने के लिए 5 पार्षदों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

निदेशक नगरीय निकाय नितिन बंसल ने बताया कि स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समितियों के कार्य करने से नगरीय साफ-सफाई एवं व्यवस्थापन के कार्यों में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि इन समितियों में एक लाख 11 हज़ार सदस्य हैं जो अपने क्षेत्रों की सफाई और सुंदरता को बनाये रखने के लिए आम जनमानस को भी जागरूक भी करेंगे।

कार्यक्रम में नगर विकास राज्य मंत्री राकेश राठौर ‘गुरु’, प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, अपर निदेशक  ऋतु सुहास व 100 से ज्यादा पार्षदों के साथ स्वच्छता समितियों के 500 से ज्यादा पदाधिकारीयों ने प्रतिभाग किया तथा 12 हजार पार्षद वर्चुअली जुड़े।

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