RSA प्रमुख डॉ.प्रद्युम्न कुमार सिन्हा को शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए. द्वारा लाईफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किए गए

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी नई दिल्ली- राष्ट्र सृजन अभियान (आर.एस.ए.) के प्रमुख, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, शिक्षाविद्, समाज सुधारक एवं सनातन संस्कृति के संवाहक डॉ. प्रद्युम्न कुमार सिन्हा को उनकी समाज सेवा, शिक्षा, शोध, तकनीकी व संगठन कौशल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए. द्वारा लाईफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान 1 फरवरी 2025 को भारत की राजधानी नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय के भव्य सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. आर.पी. गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और सम्मान प्रदान करेंगे।

समाज एवं राष्ट्र निर्माण में 35 वर्षों की सेवा
डॉ. सिन्हा पिछले 35 वर्षों से समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा, शोध, तकनीकी विकास, संगठन निर्माण और प्रशासनिक प्रबंधन के क्षेत्र में निरंतर योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में राष्ट्र सृजन अभियान देशभर में शिक्षा, संस्कृति, राष्ट्रवाद और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।

पूर्व में मिले सम्मान एवं उपाधियाँ
डॉ. सिन्हा को इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया है।

20 जनवरी 2024 को थेम्स इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव में उन्हें डॉक्टरेट ऑफ साइंस (D.Sc.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्हें इंडियन बिजनेस लीडरशिप एंड एजुकेटर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। भारत वर्चुअल यूनिवर्सिटी फॉर पीस एंड एजुकेशन ने उनके योगदान को देखते हुए उन्हें नेशनल डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया और उन्हें डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (Ph.D.) की मानद उपाधि प्रदान की।

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थावे विद्यापीठ ने शिक्षा एवं कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विद्या वाचस्पति उपाधि प्रदान की।

काशी अधिवेशन में उन्हें विद्यासागर (D.Litt.) की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया

मुंबई के जुहू सभागार में उन्हें भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति अटल सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया

एशिया पैसिफिक एक्सीलेंस अवार्ड 2022 भी उन्हें वैश्विक महामारी कोरोना काल में उनके कल्याणकारी कार्यों के लिए प्रदान किया गया।

शिक्षा, समाज सेवा और राष्ट्रवाद में योगदान
डॉ. सिन्हा केवल एक शिक्षाविद् ही नहीं बल्कि एक समाज सुधारक और राष्ट्रवादी विचारक भी हैं। वे सनातन धर्म रक्षा संघ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने पूरे भारत में हजारों युवाओं को शिक्षा, करियर मार्गदर्शन और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए प्रेरित किया है।

उनका उद्देश्य है –
सभी के लिए शिक्षा (Education for All)
नारी सशक्तिकरण (Women Empowerment)
किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार
समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर नव निर्माण करना

परिवार एवं मूलभूत प्रेरणाएँ
डॉ. सिन्हा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी और राष्ट्र सृजन अभियान के संस्थापक दादाश्री बाबू रामविलास सिंह के पौत्र हैं। दादाश्री का सपना था कि भारत विश्व गुरु बने और पूरी दुनिया में शांति और ज्ञान का प्रसार हो। उनके बताए मार्ग पर चलते हुए डॉ. सिन्हा “Better Me, Better We, Better Bharat, Better World” के सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं।

गांव से लेकर वैश्विक पहचान तक का सफर
डॉ. सिन्हा बिहार के जहानाबाद जिले के खलकोचक गांव से निकलकर ग्लोबल मंच पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके जीवन और कार्यों पर आधारित “पथ ही पहचान” नामक पत्रिका भी प्रकाशित हो चुकी है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा और संघर्षों को दर्शाने वाली “आत्मान्वेषण” नामक पुस्तक भी जल्द ही प्रकाशित होने वाली है। यह पुस्तक देश-विदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और यह दिखाएगी कि कैसे कठिनाइयों को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है।

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युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत
डॉ. सिन्हा आज भारत के लाखों छात्रों और युवाओं के लिए “लाइफ गुरु” के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने विशेष रूप से गरीब मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति, करियर काउंसलिंग, लक्ष्य निर्धारण और जीवन प्रबंधन में मार्गदर्शन दिया है। उनके नेतृत्व में दादाश्री बाबू रामविलास सिंह सरस्वती सम्मान के माध्यम से शिक्षाविदों, साहित्यकारों, इतिहासकारों, संगीतकारों और विद्वानों को सम्मानित किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
डॉ. सिन्हा न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय संस्कृति और शिक्षा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत अभियान से प्रेरित होकर वे विश्व गुरु भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए कार्य कर रहे हैं।

सम्मान समारोह के प्रति उत्साह
प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित होने वाले इस समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह है। भारत और विदेश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने डॉ. सिन्हा को बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इस अवसर पर काशी विद्यापीठ के वाइस चांसलर प्रो. आनंद त्यागी, डॉ. विनय पाठक (पूर्व मंत्री, छत्तीसगढ़), रांची विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पांडेय समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।

निष्कर्ष
डॉ. प्रद्युम्न कुमार सिन्हा का जीवन समाज सेवा, शिक्षा, राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए. द्वारा लाईफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाना न केवल उनके लिए बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों के लिए भी गर्व की बात है। उनकी उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि सच्ची मेहनत, समर्पण और निस्वार्थ सेवा से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है और समाज को एक नई दिशा दे सकता है।

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