रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार रामनवमी का पर्व आज मनाया जाएगा

मीडिया हाउस 17ता.रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार रामनवमी का पर्व आज मनाया जाएगा. इसके लिए रामलला के मंदिर में कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गयी हैं. इसके साथ ही रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक भी किया जाएगा.

वहीं राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि, “हमने रामनवमी पर यहां आने वाले सभी भक्तों के लिए भगवान राम के ‘दर्शन’ की सुविधा सुनिश्चित की है. हम अभ्यास कर रहे हैं कि सूर्य की किरणें दोपहर 12.16 बजे 5 मिनट के लिए भगवान के माथे पर पड़े. हम इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था कर रहे हैं..”

रामनवमी के दिन सूर्य की रोशनी मंदिर के तीसरे तल पर लगे पहले तर्पण पर पड़ेगी. यहां से परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो जाएंगी. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी और लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाएंगी और निरंतर 4 मिनट तक प्रकाश मान होंगी.

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