युवा अधिवक्ता/याचिकाकर्ता विकास शाक्य ने खनन माफियाओं से जान को खतरा बताते हुए न्याय की गुहार लगाई.!

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 22ता.सोनभद्र- युवा अधिवक्ता विकास शाक्य ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री डीजीपी जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक भेजे गए ईमेल में अपने जान को खतरा बताते हुए न्याय व सुरक्षा की गुहार लगाई.!

विकास शाक्य अधिवक्ता ने बताया कि बीरसमुंडा फाउंडेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट सोनभद्र का कानूनी सलाहकार हूं। समय समय पर जनहित के मामले पर्यावरण प्रदूषण खनन आदि मामले को लेकर उठाता रहता हूं। वर्तमान में सोन नदी ओए संख्या 818/2022 में अवैध बालू खनन को लेकर एनजीटी दिल्ली में बीरसमुंडा फाउंडेशन द्वारा याचिका दायर की गई थी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने खुद को याचिका से अलग कर लिया, इसके बाद उन्होंने सोन घड़ियाल की ओर से आईए संख्या 67/2023 दायर की। संगठन, 19/5/2023 को एनजीटी ने अपना फैसला सुनाते हुए सोन नदी के सभी बालू खनन पर रोक लगा दी है। इस मामले में आवेदक द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया जा रहा है और कैविएट दायर किया गया है। याचिका की शुरुआत से लेकर आदेश तक और अभी भी संस्थान के कानूनी सलाहकार होने के नाते आवेदक को निशाना बनाकर भय और दहशत का माहौल बनाया जा रहा है जिसको लेकर घर परिवार में भय व्याप्त है कार्यों में बाधा पहुंचाने की दृष्टि से खनन माफियाओं द्वारा साजिश व षड्यंत्र रचते हुए साजिशन षड्यंत्र व हमला करवाया जा सकता हैं जिससे भय व्याप्त है.? उक्त मामले को लेकर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री डीजीपी जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक को ईमेल भेज कर मामले को अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

डीएम ने किया जिला कारागार का औचक निरीक्षण। 

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