महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल : यूपी में सक्षम सेंटर बन रहे परिवर्तन के केंद्र

Media House उत्तर प्रदेश- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के अभिनव प्रयास किया जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहो से जुड़ी महिलाओ को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक रूप से सशक्त व मजबूत बनाया जा रहा है, इसी दिशा में सी एल एफ स्तर पर सक्षम सेंटरो की स्थापना की जा रही है।
“सक्षम सेंटर ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं। महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के तहत प्रदेश के सीएलएफ (Cluster Level Federation) स्तर पर “सक्षम सेंटर” की स्थापना की जा रही है। अब तक प्रदेश में लगभग 1900 सक्षम सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। इन सेंटरों के प्रभावी संचालन हेतु कुल 4695 Financial Literacy Community Resource Person (FLCRP) की नियुक्ति की गई है, जो ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय, डिजिटल एवं उद्यमिता संबंधी प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं।
सक्षम सेंटरों का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय साक्षरता, बैंकिंग सेवाओं की पहुँच, सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी, डिजिटल लेनदेन, और स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ना है। इन सेंटरों के माध्यम से प्रशिक्षित महिलाएँ अपने समुदाय में बी.सी. सखी, डिजिटल सेवा प्रदाता एवं सूक्ष्म उद्यमी
आदि के रूप में कार्य कर रही हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। UPSRLM की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि, आगामी समय में प्रदेश के सभी CLF स्तरों पर सक्षम सेंटरों की स्थापना व (FLCRP) की तैनाती किये जाने की दिशा मे कार्य किया जा रहा है, जिससे वित्तीय समावेशन और अधिक गति प्राप्त करेगा तथा ग्रामीण महिलाएँ नए भारत की सशक्त भागीदार बनेंगी।
UPSRLM के इस अभिनव प्रयास से प्रदेश की हजारों महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, जागरूक एवं सशक्त बन रही हैं। सक्षम सेंटर न केवल प्रशिक्षण के केंद्र हैं, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और स्वावलंबन की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो रहे हैं।









