उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण से किसान और उद्योगपति दोनों लाभान्वित होंगे-मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी भोपाल-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों से किसान और उद्योगपति दोनों लाभान्वित होंगे। इनके माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में उद्यमिता और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। अत: उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के परस्पर समन्वय से रोजगार के अवसरों व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस दिशा में सार्थक प्रयास किए गए हैं। किसानों के साथ उनके परिवारों को जोड़ने के लिए स्व-सहायता समूहों का भी गठन किया जाए। प्रदेश में संभाग स्तर पर हाईटेक नर्सरियां स्थापित कर आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग का बजट बढ़ाकर बाजार की माँग के अनुसार गतिविधियां संचालित की जाएं। इस दिशा में हॉर्टिकल्चर प्रमोशन एजेंसी स्थापित कर समय-सीमा व रोडमैप निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा का रहे थे। बैठक में मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव  राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त मनीष सिंह, प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश मसालों के उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। अत: प्रदेश में मसालों की पृथक मंडी विकसित की जाए। साथ ही मसालों की खेती का अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाए। प्रदेश में बड़े पैमाने पर फल, सब्जी, मसालों आदि का उत्पादन होता है। अत: मध्यप्रदेश के संतरा, केला, पान, लहसुन आदि की राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में जारी वृक्षारोपण अभियान में फलदार पौधे लगाने को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए। प्रदेश में फल, सब्जियों, औषधीय पौधों आदि के आर्गेनिक प्रोडक्शन, उनके डीहाइड्रेशन प्लांट व गामा रेडिएशन जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसान को उसकी मेहनत और निवेश का पूरा लाभ मिले व परिस्थितिवश किसी भी स्थिति में उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। अत: आधुनिकतम तकनीक और शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जाएं। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वालों को शासकीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाए और उनकी उपलब्धियों को कार्यक्रमों में प्रदर्शित करने के साथ उनसे संवाद स्थापित करने की भी व्यवस्था हो, जिससे अन्य किसान व उद्यमी प्रेरणा प्राप्त कर सकें।

बैठक में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में केन्द्र पोषित योजनाओं, राज्य पोषित योजनाओं, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास येाजना, पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरीगेशन योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना पर प्रदेश में जारी गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। बताया गया कि मध्यप्रदेश संतरा, टमाटर, धनिया, लहसुन तथा मसाला उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। किसानों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान तहत प्रदेश में विभाग द्वारा 18 लाख फलदार पौधे रोपे गए।

(ECI) ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *