इन्दिरा गांधी के द्वारा आपातकाल लगाने के विरोध में काला दिवस के रुप में मनाया गया।

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 25ता.सोनभद्र-भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र द्वारा जिला कार्यालय सोनभद्र पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के द्वारा आपातकाल लगाने के विरोध में काला दिवस के रुप में मनाया गया। इस मौके पर मुख्यअतिथि राज्यसभा सांसद रामशकल ने कहा कि 12 जून 1975 को इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दोषी पाया और छह साल के लिए पद से बेदखल कर दिया। इंदिरा गांधी पर वोटरों को घूस देना, सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल, सरकारी संसाधनों का गलत इस्तेमाल जैसे 14 आरोप सिद्ध हुए लेकिन आदतन श्रीमती गांधी ने उन्हें स्वीकार न करके न्यायपालिका का उपहास किया । राज नारायण ने 1971 में रायबरेली में इंदिरा गांधी के हाथों हारने के बाद मामला दाखिल कराया था। जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा ने यह फैसला सुनाया था।
इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष भाजपा अजीत चौबे ने कहा कि 24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश बरकरार रखा, लेकिन इंदिरा को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बने रहने की इजाजत दी जो कि होना भी जरुरी था क्योकि राजतन्त्र में ऐसा ही होता है। 25 जून 1975 को जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा के न चाहते हुए भी इस्तीफा देने तक देश भर में रोज प्रदर्शन करने का आह्वान किया। 25 जून 1975 को राष्ट्रपति के अध्यादेश पास करने के बाद सरकार ने आपातकाल लागू कर दिया। संजय गाँधी ने देश भर में अनिवार्य पुरुष नसबंदी का आदेश दिया। इस पुरुष नसबंदी के पीछे सरकार की मंशा देश की आबादी को नियंत्रित करना था। इसके अंतर्गत लोगों की इच्छा के विरुद्ध नसबंदी कराई गयी। कार्यक्रम के कार्यान्वयन में संजय गांधी की भूमिका की सटीक सीमा विवादित है, कुछ लेखकों ने गांधी को उनके आधिकारिकता के लिए सीधे जिम्मेदार ठहराया है, और अन्य लेखकों ने उन अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए जिन्होंने स्वयं गांधी के बजाय कार्यक्रम को लागू किया था। रुखसाना सुल्ताना एक समाजवादी थीं जो संजय गांधी के करीबी सहयोगियों में से एक होने के लिए जानी जाती थींख्5, और उन्हें पुरानी दिल्ली के मुस्लिम क्षेत्रों में संजय गांधी के नसबंदी अभियान के नेतृत्व में बहुत कुख्यातता मिली थी।
इस मौके पर लोकतंत्र सेनानी पूर्व विधायक तिरथराज व शिवशंकर जी ने कहा इन्दिरा गांधी ने लोकसभा भंग करते हुए घोषणा की कि मार्च मे लोकसभा के लिए आम चुनाव होंगे। सभी राजनैतिक बन्दियों को रिहा कर दिया गया। २३ मार्च – आपातकाल समाप्त १६-२० मार्च – ६ठे लोकसभा के चुनाव सम्पन्न। जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई। संसद में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या ३५० से घट कर १५३ पर सिमट गई और ३० वर्षों के बाद केंद्र में किसी गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ। स्वयं इंदिरा गांधी और संजय गांधी चुनाव हार गए। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली। नई सरकार ने आपातकाल के दौरान लिए गए निर्णयों की जाँच के लिए शाह आयोग गठित किया।
कार्यक्रम का संयोजन जिला महामंत्री युवा मोर्चा रजनीश रघुवंशी ने आये हुए सभी युवा मोर्चा के पदाधिकारी व मण्डल अध्यक्ष व उनके सहयोगी कार्यकर्ताओं सहित कार्यक्रम के अतिथियों व कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा हीरेश द्विवेदी ने किया, कार्यक्रम मे मुख्यरुप से उपस्थिति जिला उपाध्यक्ष उदयनाथ मौर्या, रमेश पटेल, जिला महामंत्री कृष्णमुरारी गुप्ता, रामसुन्दर निषाद, संतोष शुक्ला,मण्डल अध्यक्ष चोपन सुनिल सिंह, बलराम सोनी, जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा धिरेन्द्र पटेल, मोनू रवि दूबे, कृष्णराम दूबे, अखिलेश्वर मिश्रा, दिशान्त दूबे, अंकुर सिंह, प्रशान्त पाण्डेय, रमाशंकर पासवान, पन्नालाल पासवान, हर्ष केशरी, रिशु केशरी, आशीष केशरी सहित युवा साथियों सहित सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।