जातिगत जनगणना कराने का केंद्र का निर्णय ऐतिहासिक और सराहनीय* : विजय कुमार सिन्हा
सरकार की नीतियों को सर्वस्पर्शी और समावेशी बनाने में सहायक होगी जातिगत जनगणना

पटना मीडिया हाऊस न्यूज एजेंसी बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा देश में जातिगत जनगणना कराने के निर्णय का स्वागत किया है । सिन्हा ने कहा कि आदरणीय मोदी जी की सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय संतुष्टिकरण पर आधारित नीतिनिर्माण की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम है । इस कदम से बाबासाहेब अंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित विकास के सपने को साकार किया जा सकेगा । साथ ही सरकार की नीतियों और योजनाओं को सर्वग्राही, सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी बनाना सम्भव हो पाएगा । सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के लिए ‘सबका साथ सबका विकास’ महज नारा नहीं बल्कि उसकी नीति और निर्णय का आधार रहा है । यही वजह है कि बीते एक दशक में देशस्तर पर 25 करोड़ से अधिक लोगों की गरीबी मिटी, 80 करोड़ से अधिक लोगों को भूख से मुक्ति मिली, करीब 5 करोड़ लोगों को पक्की छत मुहैया करायी गई और 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को तकरीबन 35 लाख करोड़ रुपए की योजनाओं का लाभ मिला । भ्रष्टाचार और भेदभाव से मुक्त बिना लीकेज के सरकारी योजनाओं की पहुंच समाज के सबसे अंतिम पायदान तक संभव हुई है । यही कारण है कि आज देश ही नहीं दुनिया भी यह कहती है कि जिन्हें कोई पूछता नहीं था उन्हें मोदी जी की सरकार पूजती है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज जातिगत जनगणना के नाम पर पहचान और विभाजन की राजनीति को हवा देने वालों की बोलती बंद हो गई है । पिछले कुछ समय से हाथ मे संविधान लहरा कर लोगों को भ्रमित करने वाले अभिनेताओं की टोली आज मोदीजी के ‘मास्टर स्ट्रोक’ से चित्त हो गई है । जबकि देश के लोग आज भी नहीं भूले कि यही वो लोग हैं जिन्होंने मंडल आयोग की रिपोर्ट को वर्षों दबाए रखा था । इनकी गलत नीतियों की वजह से बड़ी संख्या में लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर रहे । जब केंद्र में इनकी सरकार थी तब ये लोग जातिगत जनगणना कराना तो दूर उसपर चर्चा तक करने से कतराते थे । आज विभाजन और विद्वेष की राजनीति के अंधेरे को NDA की राष्ट्रनीति पर आधारित राजनीति ने आज धो दिया है ।