दोषी संतोष कुमार कनौजिया को 7 वर्ष की कैद

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी सोनभद्र- एक वर्ष पूर्व दुकानदार राजू चौधरी के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर जलाने के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए सीजेएम आलोक यादव की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार कनौजिया को 7 वर्ष की कैद व 85 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रुपये पीड़ित को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक सीमा पत्नी राजू चौधरी निवासी नई बस्ती वार्ड नम्बर 14 , थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र ने पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को दिए प्रार्थना पत्र में अवगत कराया था कि वह अपने पति के दुकान बुढ़िया होटल बढ़ौली चौराहा, रॉबर्ट्सगंज बंद करते समय प्रतिदिन आती थी। घटना 29 अप्रैल 2024 की रात्रि 11 बजे की है। जब दुकान पर पहुंची तो देखा उसके पति राजू चौधरी के ऊपर पेट्रोल डालकर संतोष कुमार कनौजिया पुत्र सुरेश कनौजिया निवासी अशोक नगर, रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र जला रहा था और उसके पति जोर- जोर से बचाने के लिए चिल्ला रहे थे। सर से लेकर पेट तक जल गए थे। उन्हें बचाने के लिए वह तथा उसकी ननद शारदा व अन्य लोग आए और कंबल की मदद से आग बुझाई गई। अभियुक्त संतोष कुमार कनौजिया यह धमकी दिया कि अगर थाने पर सूचना दिया तो अभी जलाए हैं । अबकी बार मारकर फेंक देंगे और लाश का पता भी नहीं चलेगा। यह धमकी देते हुए मौके से भाग गया। लोगों और पुलिस की मदद से टोटो से पति को लेकर जिला अस्पताल लोढ़ी गई, देर रात होने की वजह से दवा इलाज नहीं हुआ। सुबह 30 अप्रैल 2024 को दवा इलाज शुरू हुआ और गम्भीर हालत को देखते हुए बीएचयू वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। इस घटना की सूचना रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस अधीक्षक सोनभद्र के 15 मई 2024 के आदेश के अनुपालन में रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने 17 मई 2024 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया। कोर्ट ने 3 सितंबर 2024 को अभियुक्त संतोष कुमार कनौजिया के विरुद्ध आरोप तय किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 8 गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार कनौजिया को 7 वर्ष की कैद व 85 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं अर्थदण्ड की धनराशि में से 80 हजार रुपये पीड़ित को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सतीश वर्मा ने बहस की।

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