बिहार में तेजी से फैल रहे साइबर अपराधी देश के कई राज्यों के साथ ही दूसरे देशों के लोगों को भी अपना शिकार बना रहा

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 24ता.दरभंगा: बिहार में तेजी से फैल रहे साइबर अपराधी देश के कई राज्यों के साथ ही दूसरे देशों के लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. सिंगापुर के कई लोगों से साइबर फ्रॉर्ड के माध्यम से ठगी गई राशि को यहां के फर्जी खातों में जमा करायी गई है. सीबीआई की जांच में इसका खुलासा हुआ है. 150 से अधिक ऐसे संदिग्ध बैंक खाते सामने आए हैं, जिनमें साइबर ठगी से एकत्र रुपये को जमा कराकर हेराफेरी की गई है. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे बैंक खाते बिहार में पटना समेत अन्य स्थानों के पते पर भी खोले गए हैं. इन सभी बैंक खातों का मनी ट्रेल (वित्तीय लेन-देन) इतना अधिक उलझा हुआ है कि इसकी तह तक पहुंचने में जांच एजेंसी को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इन खातों से ही जुड़ी 137 फर्जी या खोखा कंपनियां भी सामने आईं हैं, जिनके खातों में भी पैसे डालकर कई दूसरे खातों में ट्रांसफर किए गए हैं.अब तक की जांच में साइबर फ्रॉर्ड के इस पूरे रैकेट में 16 मुख्य बैंक खातों का पता चला है, जिनमें सबसे ज्यादा ठगी के 357 करोड़ रुपये डाले गए. फिलहाल इस मामले की गहन तफ्तीश जारी है. इसमें कई स्तर पर खुलासा होने की संभावना है. बड़ी संख्या में ठगी से मिली राशि को क्रिप्टो करेंसी में भी बदल देने के प्रमाण मिले हैं. जांच के दौरान यह पता चला कि सिंगापुर के करीब 400 नागरिकों को निशाना बनाकर उनसे विभिन्न सोशल साइट्स के माध्यम से ठगी की गई थी. ठगी के लिए विभिन्न तरह की साइबर तकनीकों मसलन फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग समेत अन्य का उपयोग किया गया. इन पैसों को भी यहां के संदिग्धों द्वारा 150 खातों में ट्रांसफर करके कई माध्यम से होते हुए अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाये गये. जिन खोखा कंपनियों का उपयोग इसमें हुआ है, उन्हें बेंगलुरु, कोच्चि और गुड़गांव के फर्जी पते पर खोले गए थे. इस पूरे मामले की जांच में इंटरपोल की भी खासतौर से मदद ली जा रही है.

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