कैम्प जीवन में अनुशासन का महत्व सर्वोपरि होता है – कर्नल प्रदीप

अवनीश श्रीवास्तव
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 28ता.मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण।,जवाहर नवोदय विद्यालय पीपराकोठी में दिनांक 27 अक्तूबर से चल रहे एन.सी. सी. के “एक भारत:श्रेष्ठ भारत”कैंप के दूसरे दिन का आगाज़ पी.टी.और योग शिक्षा से शुरू हुआ।कैडेटों को सुयोग्य फिजिकल टीचर द्वारा बॉडी फिटनेस का गुर सिखलाने के साथ ही योग विद्या की शिक्षा दी गई और उन्हें वृक्षासन, सुखासन,ताड़ासन,पद्मासन तथा प्राणायाम की जानकारी दी गई। इसके पश्चात ओपनिंग एड्रेस कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें डिप्टी कैंप कमांडेंट सह कमांडिंग ऑफिसर 25 बिहार बटालियन एन.सी. सी.कर्नल प्रदीप कुमार सिंह(सेना मेडल)द्वारा कैडेटों को राष्ट्रीय स्तर के कैंप के रहन सहन, विचार, व्यवहार और नियम कायदों की जानकारी दी गई।इस अवसर पर कर्नल प्रदीप ने कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि कैंप जीवन में अनुशासन का महत्व सर्वोपरि होता है जिसका पूरी सख्ती के साथ पालन करना आप सबों के लिए आवश्यक और अनिवार्य है। आप युवा सैनिक हैं और आपको सैनिक धर्म का पालन हर हाल में करना है। अपने उस्तादों के निर्देशों का अक्षरशः पालन करना आपका नैतिक दायित्व है।उन्होंने कहा कि सैनिकों का जीवन कठिनाइयों से जूझने के लिए और उस पर विजय प्राप्त करने के लिए होता है।आप सब विभिन्न प्रांतों और क्षेत्रों से यहां आए हैं और एक दूसरे की भाषा और संस्कृति से आपको बहुत कुछ सीखने की जरूरत है तभी एक भारत:श्रेष्ठ भारत का मुद्दा आप हासिल कर सकेंगे और इससे कैंप के उद्देश्यों को सिद्धि मिल सकेगी। कैंप के कैडेटों को स्वस्थ जीवन(हेल्दी लिविंग) के उपाय भी बतलाए गए।एसोसिएट एन.सी.सी. ऑफिसर थर्ड ऑफिसर विकास कुमार द्वारा कक्षा आयोजित कर कैडेटों को हेल्थ,हाइजिन और स्वच्छता का संदेश दिया गया।थर्ड ऑफिसर विकास कुमार ने इस अवसर पर कहा कि आज़ादी की लड़ाई के दौरान चंपारण की इसी ऐतिहासिक धरती से महात्मा गांधी ने स्वच्छता का महान संदेश संपूर्ण भारत वासियों को दिया था।आपको भी स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के सपनों को साकार करना है और अपने अपने प्रदेशों में लौट कर वहां के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलानी है। वहीं थर्ड ऑफिसर अमृता कुमारी के निर्देशन में लैंग्वेज क्लासेस का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न राज्यों से आए कैडेटों के बीच अपनी अपनी भाषाओं की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया।इस कक्षा में बिहार राज्य में प्रचलित भाषाओं, भोजपुरी,मैथिली,अंगिका और बज्जिका की बाबत उड़ीसा के कैडेटों को ज्ञान प्रदान किया गया।उड़ीसा निदेशालय के पदाधिकारी लेफ्टिनेंट भवानी शंकर पांडा ने इस अवसर पर बिहार और झारखंड से आए कैडेटों को उड़िया भाषा की विशेषताओं से परिचय करवाया और वहां की लोक भाषाओं पर प्रकाश डाला । इस वर्ग का उद्देश्य एक दूसरे की भाषा की जानकारी प्राप्त करना था। “प्रेजेंटेशन ऑफ कल्चर एंड ट्रेडिशन ऑफ द स्टेट” कार्यक्रम के तहत बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य की संस्कृतियों की झांकी प्रस्तुत की गई l जिसका अवलोकन कर कैडेट्स एक दूसरे राज्य की परंपराओं, विरासतों और परंपराओं से रुबरु हुए। संध्या वेला में खेल कूद की प्रैक्टिस की गई जिसमें कैडेटों ने कबड्डी और वॉली बॉल खेलकर एक दूसरे की हौसला अफजाई की। रात्रि वेला में कैडेटों को देशभक्ति पर आधारित फिल्म दिखाई गई जिसका कैडेटों ने भरपूर आनंद लिया।यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कैप्टन (डॉ.)अरुण कुमार ने दी है। विदित हो कि कैंप को सुचारू रूप से संचालित करने में मुजफ्फरपुर ग्रुप मुख्यालय के ग्रुप कमांडर सह कैंप कमांडेंट ब्रिगेडियर नीलकमल (सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल)का विशिष्ट योगदान है।कैंप को विधिवत परिचालित करने में सूबेदार प्रेम प्रसाद गुरुंग, सूबेदार दिवाकर गुरुंग,बी. एच. एम.सागर थापा, हवलदार मनीष थापा , हवलदार झूम बहादुर और सिविल स्टाफ लालबाबू राय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।