ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा में अधिकारियों को लगाई फटकार
Media House लखनऊ-उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 23 से 25 हजार करोड़ रूपये की लागत के कार्य कराये जा रहे हैं। जिससे कि विद्युत की निर्वाध आपूर्ति सुलभ की जा सके और हमारा प्रदेश बिजली की समस्या से ग्रस्त राज्यों की श्रेणी से बाहर निकल पाए। उन्हांेने कहा कि बिजली जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन गई है। उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का सुखद अनुभव कराने के लिए वर्तमान में चल रहे कार्यों मंे गति लाई जाए।
ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने आज नगरीय निकाय निदेशालय में ऊर्जा विभाग के प्रगति कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने योजनाओं व कार्यक्रमों में अपेक्षित प्रगति न होने पर नाराजगी जताई और विद्युत व्यवस्था के सुधार कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली कार्यों पर पूर्ण ध्यान दें। जितनी बिजली दी जाती है उतना राजस्व भी प्राप्त करें। प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने के लिए फीडर अलगाव के कार्यों को लक्ष्य बनाकर पूरा करायें। उन्होंने कहा कि अधिकतम लाइनलास वाले फीडर से संबंधित क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाये जाए और विद्युत चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाया जाए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने में परेशानी न हो। इस व्यवस्था को और सरल व सुलभ बनाये। साथ ही सही बिलिंग के साथ शत-प्रतिशत बिलिंग कराई जाए। टेबल बिलिंग की शिकायतें आ रही है जिसे पूर्णतः बंद कराया जाए। बिलिंग कम्पनियों के कार्यों पर भी ध्यान दे। उपभोक्ताओं को सहूलियत देने के लिए ट्रस्ट बिलिंग को बढ़ावा दें और उपभोक्ता द्वारा मीटर की फोटो भेजने पर उसका बिल जनरेट करायें और 02 से 03 महीने मंे फिजिकल रीडर भी करायें। उन्होंने कहा कि अपने कारनामों से उपभोक्ताओं को सदमे में न पहुंचायें। गड़बड़ी करने वालांे पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। किसी भी कार्मिक के आचरण, कार्यों एवं निष्ठा में कहीं पर भी कोई कमी पाई जायेगी तो बक्शा नहीं जायेगा।
श्री शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को निर्वाध आपूर्ति देने के लिए अनुरक्षण कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। इस दौरान लटकते, ढ़ीले व जर्जर तारों एवं पोल को बदलने, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने, ट्रिपिंग की समस्या के समाधान के लिए जम्फर बदलने, फ्यूज वायर बदलने का कार्य किया जा रहा है। विद्युत लाइन को छूती शाखाओं की छंटनी कराई जा रही है। नंगी तारों को एबीसी केबल में भी बदलने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इन सभी कार्यों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने को कहा। जिससे कि आने वाले समय में बिजली का संकट लोगों को न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत के बढ़े हुए लोड के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का प्रयास कर रही है। क्योंकि पुराने विद्युत ढ़ॉचे से भी वर्तमान लोड को संचालित करने में दिक्कते आ रही हैं। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता, चेयरमैन आशीष कुमार गोयल, प्रबंध निदेशक यूपीपीसीएल पंकज कुमार के साथ सभी डिस्कॉम के एमडी, निदेशक, मुख्य अभियन्ता, अधिक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं ने प्रतिभाग किया।