आरएनबी एण्ड पाल रिसर्च सेंटर हॉस्पिटल में असहाय मरीजों को किया जा रहा है निशुल्क सेवा इलाज

नई तकनीकी और बेहतर सुविधा के साथ मरीजों को किया जा रहा है इलाज
मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी 23ता०बोकारो। बोकारो जिले के कोऑपरेटिव स्थित आरएनबी एण्ड पाल रिसर्च सेंटर हॉस्पिटल में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आरएनबी के डायरेक्टर डॉक्टर मुक्तेश्वर रजक ने बताया कि असहाय गरीब मरीजों को फ्री कैंप के द्वारा हॉस्पिटल के द्वारा इलाज किया जाता है। समय समय पर हॉस्पिटल के द्वारा गाॅव दराज जैसे जगहों पर फ्री कैंप का आयोजन किया जाता रहा है। सैकड़ो ऐसे मरीज है जिनका इलाज हॉस्पिटल के द्वारा निशुल्क सेवा भावना से किया गया है और आज वो सभी स्वस्थ है। उन्होंने बताया की मरीजों को सही जानकारी ना होने से उन्हे इस शहर से उस शहर तक दौड़ना पडता है। खर्च करने के साथ उन्हे कई तरह की परेशानी का भी सामना करना पडता है। आज हमारे हॉस्पिटल में कम खर्च में ही बेहतर सुविधा के साथ इलाज किया जाता है हमारा उद्देश्य होता है की लोग संतुष्ट हो और मरीज के चेहरे पर मुस्कान लौट सके। जिसमें नेफ्रोलॉजिस्ट मेडिसिन सर्जरी, ऑर्थोपेटिक्स, आई केयर के उत्तम श्रेणी के सुविधाएं हैं। साथ ही श्री रजक ने बताया कि हम लोग समय-समय पर सामाजिक दायित्व का भी निर्वाहन करते हैं। मौके पर लाभान्वित मरीज के परिजनों ने कहा कि हमारे हमारे बेटे के जन्म के 2 साल के बाद से ही मोतियाबिंद हो गया था इसके कारण दिखाई देना बंद हो गया था बहुत जगह गए जहां लोगों ने बोला कि इसका इलाज नहीं हो सकता है जब हम इस अस्पताल में आए तो निशुल्क इलाज के द्वारा आज मेरे बेटे का रौशनी आ गया है। वही कतरास से आई महिला ने बताया कि मेरे बेटे का हाथ टूट गया था जो इस अस्पताल के द्वारा निशुल्क इलाज किया गया जिसके कारण मेरे बेटे का आज हाथ ठीक हो गया है और अस्पताल को धन्यवाद देते हुए कहा कि अस्पताल द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए बहुत कम होगी। बता दे की डॉक्टर मुक्तेश्वर रजक बोकारो जेनरल अस्पताल में अपनी सेवा दे चुके हैं तथा गांव दराज के रहने वाले सतनपुर के निवासी हैं उन्होंने गांव की पारीकियो से गुजरा है तथा लोगों की भावनाओं से हमेशा जुड़े रहे हैं उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पूरा गांव को गोद लिया था और उसे निशुल्क इलाज भी किया। ऐसे कई प्रशासनीय कार्य है जिन्हें डॉक्टर मुक्तेश्वर रजक के द्वारा किया गया और आज भी मरीज को हर सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और अपनी मिसाल पेश करते हैं।