मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय 

AKGupta मीडिया हाउस लखनऊ -उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कुल 07 बस स्टेशनों- यथा-बस स्टेशन कौशाम्बी (गाजियाबाद), बस स्टेशन (गाजियाबाद), डिपो कार्यशाला अमौसी (लखनऊ), बस स्टेशन बुलन्दशहर (नई भूमि), बस स्टेशन डिपो कार्यशाला, टायर शॉप एवं रिक्त भूमि साहिबाबाद (गाजियाबाद), नोएडा बस स्टेशन एवं फाउण्ड्रीनगर बस स्टेशन/डिपो कार्यशाला (आगरा) की भूमि अन्य विभागों से परिवहन निगम को लीज पर प्राप्त है। इन बस स्टेशनों का विकास पी0पी0पी0 पद्धति पर कराया जाना है। भूमि स्वामित्व वाले सम्बन्धित विभागों के स्तर से 90 वर्ष की कन्सेशन राईट की अवधि विकासकर्ताओं को दिए जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत, पी0पी0पी0 पद्धति गाइडलाइन 2016 में विहित व्यवस्थानुसार, विकासकर्ता को भूमि के कन्सेशन राइट शीघ्रता प्रदान किए जाने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा प्रश्नगत भूमियों की पट्टा अवधि को चयनित विकासकर्ता के साथ निष्पादित होने के अनुबन्ध की तिथि से 90 वर्ष की अवधि तक विस्तारित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इन बस स्टेशनों का पी0पी0पी0 पद्धति पर विकसित कराए जाने से बिना शासकीय व निगम द्वारा पूंजी निवेश किए ही बस स्टेशनों का आधुनिकीकरण हो सकेगा। साथ ही, यात्रियों एवं शहरवासियों को बस स्टेशन परिसर में ही अत्याधुनिक शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर एवं अन्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

उ0प्र0 अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली, 2025’ के प्रख्यापन का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली, 2025 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह नियमावली सरकारी गजट में प्रकाशित किए जाने के दिनांक से प्रवृत्त होगी।
उल्लेखनीय है कि अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के अन्तर्गत भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आई0डब्ल्यू0ए0आई0) का गठन किया गया है। भारत सरकार द्वारा अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के कार्यों को सुचारु रूप से सम्पादित किए जाने हेतु भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग नियमावली, 1986 का प्रख्यापन किया गया है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को विकसित करने के उद्देश्य से उ0प्र0 अन्तर्देशीय जलमार्ग अधिनियम, 2023 को प्रख्यापित/अधिसूचित किया गया है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया जाना है। इस प्रकार प्रदेश में नवगठित होने वाले उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के कार्यों को सुचारु रूप से सम्पादित किए जाने के प्रयोजनार्थ उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली, 2025 के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया है।

मक्का क्रय केंद्र के नोडल होंगे एसडीएम -

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अन्तर्गत 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जो देश के भिन्न-भिन्न राज्यों में अवस्थित है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी, यमुना नदी एवं अन्य प्रमुख नदियों में कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग स्थित हैं। अतः उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत सस्ता परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु जल परिवहन एवं जल पर्यटन को विकसित करने में उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की भूमिका है। इसके दृष्टिगत प्रस्तावित उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली, 2025 में मुख्यतः प्राधिकरण के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां और कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, प्राधिकरण की बैठकों की प्रक्रिया, प्राधिकरण के कोरम, प्राधिकरण में सलाहकार समिति का गठन, सलाहकार समितियों के कार्य संचालन की प्रक्रिया, प्राधिकरण के सदस्यों का कार्यकाल, प्राधिकरण में विशेषज्ञों का पैनल, प्राधिकरण के बजट, लेखा एवं लेखापरीक्षा से सम्बन्धित मामलों, प्राधिकरण की वार्षिक लेखा रिपोर्ट, प्राधिकरण की आरक्षित निधि तथा भूमि या सम्पत्ति में प्रवेश करने का अधिकार से सम्बन्धित प्राविधानों को सम्मिलित किया गया है।

इस प्राधिकरण के संघटन में अध्यक्ष के पद पर मुख्यमंत्री जी द्वारा परिवहन मंत्री अथवा अन्तर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग एवं नेवीगेशन, पोर्ट्स, मेरीटाइम अफेयर्स से सम्बन्धित मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों में से किसी एक व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा। उपाध्यक्ष के पद पर अन्तर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग एवं नेवीगेशन, पोर्ट्स, मेरीटाइम अफेयर्स से सम्बन्धित मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले एवं प्रोफेशनल अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से किसी एक व्यक्ति की राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की जाएगी।
वित्त, लोक निर्माण, परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई एवं जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पदेन सदस्य होंगे। एक अन्य सदस्य भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आई0डब्ल्यू0ए0आई0) का प्रतिनिधि होगा, जिसे आई0डब्ल्यू0ए0आई0 के अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा। परिवहन आयुक्त, उ0प्र0 मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
प्राधिकरण के गठन से आम जनमानस को जल परिवहन के रूप में सुगम एवं प्रदूषण रहित परिवहन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। प्रदेश के उत्पादों को बेहतर एवं सस्ती दरों पर देश के अन्य राज्यों तथा विदेशों में निर्यात के अवसर मिलेंगे। ओ0डी0ओ0पी0 एवं एम0एस0एम0ई0 उत्पादों को विशेष लाभ मिलेगा। प्रदेश में राष्ट्रीय जलमार्ग के अतिरिक्त नए राज्य जलमार्गों का सृजन एवं विकास होगा। प्रदेश के जल मार्गों के विकास से नदियों का संवर्धन एवं संरक्षण होगा। प्रदेश में नदी तट पर स्थित तीर्थ स्थलों एवं ऐतिहासिक स्थलों का भी जल पर्यटन की दृष्टि से विकास हो सकेगा।

इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने मनाई पाँचवीं वर्षगांठ, 1-15 सितम्बर तक विशेष जन सुरक्षा अभियान

राही पर्यटक आवास गृह सुमेर सिंह किला (इटावा), कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर), विन्ध्याचल (मीरजापुर), गोपीगंज (भदोही), झील महल रेस्टोरेण्ट (मऊ), शिकोहाबाद (फिरोजाबाद) तथा बस्ती एवं वृन्दावन को पी0पी0पी0 मोड पर विकसित व संचालित करने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में स्थित राही पर्यटक आवास गृहों यथा सुमेर सिंह किला (इटावा), कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर), विन्ध्याचल (मीरजापुर), गोपीगंज (भदोही), झील महल रेस्टोरेण्ट (मऊ) तथा शिकोहाबाद (फिरोजाबाद) को पी0पी0पी0 मोड पर विकसित व संचालित कराए जाने हेतु इन राही पर्यटक आवास गृहों के सापेक्ष शार्टलिस्टेड निविदाकर्ता फर्मों से प्राप्त वित्तीय निविदाओं तथा राही पर्यटक आवास गृह, बस्ती एवं वृन्दावन हेतु प्रकाशित आर0एफ0क्यू0 के सापेक्ष प्राप्त निविदाकर्ता फर्मों को शार्टलिस्ट किए जाने एवं आर0एफ0पी0 निविदा प्रपत्रों एवं शॉर्टलिस्टेड निविदाकर्ताओं के मध्य आर0एफ0पी0 की निविदा आमंत्रित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिए जाने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि देश में पर्यटन उद्योग का परिदृश्य निरन्तर बदल रहा है एवं इन इकाइयों के निर्माण एवं संचालन में प्रशिक्षित/विशेषज्ञ संस्थाओं की आवश्यकता है, जिनका निर्माण एवं संचालन विशेषज्ञ संस्थाओं/निजी निवेशकों द्वारा कराया जाना पर्यटन की दृष्टिकोण से लाभकारी एवं लोकप्रिय होगा। इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए व्यवसायियों एवं सेवा प्रदाताओं का आर्थिक उन्नयन होगा। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बंद/घाटे में चल रहे/असंचालित पर्यटक आवास गृहों को जनोपयोगी बनाने, पर्यटकों के सुविधार्थ उच्चस्तरीय सुविधाएं विकसित करने तथा प्रदेश में निजी निवेश को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) मोड पर विकसित व संचालित कराए जाने का निर्णय लिया गया है। विविध पर्यटन आकर्षणों के दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वन सम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं। इस निर्णय से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा तथा प्रदेश सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

महाकुम्भ-2025-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय बैठक संपन्न

प्रदेश के प्राचीन धरोहर भवनों को एडाप्टिव रि-यूज के अन्तर्गत सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के प्राचीन धरोहर भवनों को एडाप्टिव रि-यूज के अन्तर्गत सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अनुसार 13 ऐतिहासिक धरोहरों/किलों को एडॉप्टिव रि-यूज (अनुकूली पुनः उपयोग) के अन्तर्गत सांस्कृतिक संरक्षण एवं पर्यटन की दृष्टि से पी0पी0पी0 नीति के अन्तर्गत विकसित किए जाने हेतु सम्बन्धित विभाग से पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किए जाने तथा इन ऐतिहासिक धरोहरों/किलों को पी0पी0पी0 मॉडल पर हेरिटेज होटल, रिजॉर्ट म्यूजियम, माइस आदि पर्यटन इकाइयों के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। मंत्रिपरिषद ने आर0एफ0क्यू0 कम आर0एफ0पी0 निविदा प्रपत्रों के मॉडल डॉक्यूमेण्ट को भी अनुमोदित कर दिया गया है। मंत्रिपरिषद द्वारा प्रमुख सचिव पर्यटन की अध्यक्षता में प्रस्तावित प्रोजेक्ट रिव्यू समिति के गठन का निर्णय लेते हुए प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिए जाने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।

ज्ञातव्य है कि इन 13 ऐतिहासिक धरोहरों/किलों में बालबेहट फोर्ट ललितपुर, मस्तानी महल महोबा, भूरागढ़ फोर्ट बांदा, टहरौली फोर्ट झांसी, सीताराम महल (कोटवन किला) मथुरा, कोठी गुलिस्तान-ए-इरम व दर्शन विलास लखनऊ, रघुनाथराव महल झांसी, रनगढ़ फोर्ट बांदा, वजीरगंज की बारादरी गोण्डा, टिकैतराय बारादरी कानपुर नगर, आलमबाग भवन लखनऊ, सेनापति महल कुलपहाड़ महोबा तथा लेक पैलेस तालकोठी महोबा शामिल हैं। उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से भारत के उन राज्यों में से एक है, जो सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों की दृष्टि से समृद्ध भारतीय इतिहास को परिभाषित करता है। पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण इन धरोहरों के मामले में उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे महत्वपूर्ण राज्य भी है। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वनसम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं। भवन संरक्षण एवं पुरातात्विक अनुसंधान की आवश्यकताओं के लिए विरासत सम्पत्तियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या राज्य पुरातत्व निदेशालय के अन्तर्गत निहित विधिक प्राविधानों द्वारा संरक्षित घोषित किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में स्थित विरासत सम्पत्तियाँ समुचित अनुरक्षण के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इससे सरकार को कोई आर्थिक लाभ या राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही है। वर्तमान में स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों के लिये भी यह उपयोगी नहीं है। इस निर्णय से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा तथा प्रदेश सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

Sonebhadra-आगामी विशेष लोक अदालत 15 अप्रैल, 2023 व राष्ट्रीय लोक अदालत 13 मई, 2023 को होगा आयोजन।

किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ में 500 बेडेड ट्रॉमा सेण्टर के विस्तार एवं पेशेण्ट यूटिलिटी कॉम्पलेक्स के निर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रायोजना स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ में 500 बेडेड ट्रॉमा सेण्टर के विस्तार एवं पेशेण्ट यूटिलिटी कॉम्पलेक्स के निर्माण कार्य से सम्बन्धित 02 अरब 72 करोड़ 97 लाख 17 हजार रुपये की आकलित लागत की प्रायोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ प्रदेश का सबसे पुराना एवं सबसे बड़ा चिकित्सा विश्वविद्यालय है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दुर्घटनाओं इत्यादि में गम्भीर रूप से घायल मरीजों की सघन देख-रेख एवं आकस्मिक सेवाएं तथा विशिष्ट उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में आकस्मिक चिकित्सा केन्द्र एवं ट्रॉमा सेण्टर कॉम्पलेक्स की स्थापना की गयी थी। ट्रॉमा सेण्टर में लगभग 460 बेड की सुविधा उपलब्ध है। इसमें प्रतिदिन लगभग 600 रोगियों का इलाज किया जाता है, परन्तु मरीजों की संख्या में निरन्तर होती वृद्धि के कारण यह क्षमता अपर्याप्त प्रतीत हो रही है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में 500 बेडेड ट्रॉमा सेण्टर के विस्तार एवं पेशेण्ट यूटिलिटी कॉम्पलेक्स के निर्माण से एक ही छत के नीचे किसी भी दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल मरीजों को सभी सर्जिकल स्पेशियलिटी यथा-ट्रॉमा सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन एवं मॉड्यूलर/हाइब्रिड ऑपरेशन थियेटर की सुविधा तथा सम्पूर्ण पैथालॉजिकल व रेडियोलॉजिकल सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी। पेशेण्ट यूटिलिटी कॉम्पलेक्स में विभिन्न आपदाओं से पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु समर्पित आपदा प्रबन्धन वॉर्ड (डेडिकेटेड डिजास्टर मैनेजमेण्ट वॉर्ड) का निर्माण भी कराया जाएगा, जिसका लाभ सम्पूर्ण प्रदेश के जनमानस को होगा।

पड़ोस जल रहा, हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया जा रहा निशाना - योगी आदित्यनाथ

संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम, 1983 (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम, 1983 (संशोधन) अध्यादेश-2025 के आलेख को स्वीकृति प्रदान कर दी है। संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ प्रदेश का उत्कृष्ट सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान है। संस्थान द्वारा प्रदेश सहित अन्य राज्यों तथा निकटवर्ती देशों से आने वाले मरीजों को उच्चकोटि की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। संस्थान के सुचारु एवं प्रभावी संचालन में संस्थान के निदेशक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है।
संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम 1983 की धारा-12 में संस्थान के निदेशक के सम्बन्ध में प्राविधान किया गया है। अधिनियम में निदेशक के कार्यकाल, आयु सीमा तथा कार्यकाल विस्तार के सम्बन्ध में कोई व्यवस्था उल्लिखित नहीं है। अतः आवश्यक है कि यह प्राविधान अधिनियम में समाविष्ट कर लिए जाएं। इसी क्रम में संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम, 1983 में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन करते हुए एक नवीन धारा-12-क अन्तर्विष्ट/समाहित किए जाने का प्रस्ताव है।
इसके अन्तर्गत धारा-12-क (1) निदेशक अपना पदभार ग्रहण करने के दिनांक से 05 वर्ष की अवधि के लिए अथवा अपनी आयु 65 वर्ष पूर्ण करने तक, जो भी पहले हो, के लिए पदभार ग्रहण करेगा। धारा-12-क (2) अधिनियम में किसी अन्य बात के होते हुए भी निदेशक, जिसने 65 वर्ष की आयु प्राप्त न की हो, को इस रूप में कुलाध्यक्ष द्वारा 03 वर्ष से अनधिक अवधि का अतिरिक्त कार्यकाल प्रदान किया जा सकता है। परन्तु कुलाध्यक्ष को सम्बोधित और स्वलिखित व स्वहस्ताक्षरित पत्र द्वारा निदेशक अपना पद त्याग सकेगा और कुलाध्यक्ष द्वारा ऐसा त्याग-पत्र स्वीकार कर लिए जाने पर वह अपना पद धारण करने से विरत हो जाएगा।

परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट प्रोक्योरमेण्ट हेतु आवश्यक अतिरिक्त धनराशि के वित्त पोषण के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट प्रोक्योरमेण्ट हेतु आवश्यक अतिरिक्त धनराशि का वित्त पोषण राज्य सरकार (बेसिक शिक्षा विभाग) के बजट से वहन किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के उपयोगार्थ टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों के उपयोगार्थ शैक्षणिक कण्टेण्ट, शैक्षणिक वीडियो, प्रेरणा ऐप, मानव सम्पदा पोर्टल, शिक्षकों तथा छात्रों की उपस्थिति, एम0डी0एम0 सम्बन्धी योजना का अनुश्रवण, पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल का संचालन आदि कार्य किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, टैबलेट के माध्यम से छात्रों का शिक्षण कार्य सुगम एवं उपयोगी होगा तथा अध्यापक एवं छात्र उपस्थिति का दैनिक अनुश्रवण करते हुए उनकी उपस्थिति भी बढ़ायी जा सकेगी। नियमित छात्र उपस्थिति के अनुश्रवण से छात्रों के दोहरे नामांकन पर रोक लगेगी, जिससे डी0बी0टी0 के माध्यम से किए जाने वाले भुगतान और भी पारदर्शी होंगे। इससे शासकीय धन का अपव्यय रोककर, शासकीय धन की बचत की जा सकेगी तथा शिक्षकों का रेशनलाइजेशन भी किया जा सकेगा। टैबलेट के माध्यम से दीक्षा पोर्टल एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं यथा-खान ऐकेडमी, आई0आई0टी0 गांधीनगर आदि के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों के उपयोगार्थ डिजिटल शैक्षणिक सामग्री सुगमतापूर्वक उपलब्ध करायी जा सकेगी। दीक्षा ऐप पर शिक्षकों और बच्चों के उपयोगार्थ 6,500 से अधिक डिजिटल शिक्षण सामग्री उपलब्ध करायी गयी है।
भारत सरकार द्वारा टीचर रिसोर्स पैकेज (प्राइमरी) एण्ड टैबलेट्स फॉर मॉनीटरिंग/स्कूल्स (अपर प्राइमरी) के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा टैबलेट क्रय मद में 5166.70 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, किन्तु क्रय किए जाने वाले टैबलेट को छात्र हित में अत्यधिक उपयोगी बनाने हेतु टैबलेट का स्पेसिफिकेशन उच्च कोटि का रखा गया है, जिससे लागत में 1468.80 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आया है। टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों के उपयोगार्थ शैक्षणिक कण्टेण्ट उपलब्ध कराने तथा अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बच्चों के हित में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त धनराशि का वित्त पोषण किए जाने का निर्णय लिया गया है।
बेसिक शिक्षा के अन्तर्गत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु सुनियोजित एवं समयबद्ध कार्यक्रम व गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जिनके सार्थक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। टैबलेट की उपलब्धता से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा तथा शिक्षा की गुणवता में सुधार हेतु यह मील का पत्थर साबित होगा।

पट्टा धारक अपने खनन पट्टा क्षेत्र में सुरक्षित तरीके से बेंच बनाकर खनन कार्य करें। महानिदेशक एस.डी.छिददरवार

जनपद शाहजहाँपुर में शाहजहाँपुर विकास प्राधिकरण के गठन एवं शाहजहाँपुर विकास क्षेत्र घोषित किए जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जिलाधिकारी शाहजहाँपुर से प्राप्त प्रस्ताव तथा तद्क्रम में मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक की संस्तुति के दृष्टिगत शाहजहाँपुर नगर की निरन्तरता एवं सुनियोजित विकास हेतु उत्तर प्रदेश (निर्माण कार्य विनियमन) अधिनियम-1958 के अधीन आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 31 जुलाई, 1982 द्वारा घोषित शाहजहाँपुर विनियमित क्षेत्र को विघटित करते हुए उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-3 के अधीन शाहजहाँपुर विकास क्षेत्र घोषित किए जाने एवं उक्त अधिनियम की धारा-4 के अधीन शाहजहाँपुर विकास प्राधिकरण का गठन किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। शाहजहाँपुर नगर को 75 भारांक प्राप्त हुए हैं, जो प्राधिकरण के गठन के लिए निर्धारित न्यूनतम भारांक 60 से उच्च हैं।
उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-3 के अधीन शाहजहाँपुर विकास क्षेत्र में नगर निगम शाहजहाँपुर के अन्तर्गत आने वाला क्षेत्र तथा तहसील शाहजहाँपुर के अन्तर्गत 32 राजस्व ग्राम सम्मिलित हैं।

उल्लेखनीय है कि शाहजहाँपुर नगर का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शाहजहाँपुर नगर पालिका एवं उसके चारों ओर स्थित 28 ग्रामीण क्षेत्रों को उत्तर प्रदेश (निर्माण कार्य विनियमन) अधिनियम 1958 के अधीन आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 31 जुलाई, 1982 द्वारा विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया था तथा शासन की अधिसूचना दिनांक 26 जून, 1993 एवं अधिसूचना दिनांक 30 नवम्बर, 2007 द्वारा क्रमशः 10 राजस्व ग्रामों तथा 11 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करते हुए शाहजहाँपुर विनियमित क्षेत्र का विस्तार किया गया। जिलाधिकारी, शाहजहाँपुर द्वारा शाहजहाँपुर में नगर निगम बनने के कारण आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ने तथा नगर स्वच्छता, यातायात, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में तीव्र प्रगति के दृष्टिगत शाहजहाँपुर विकास प्राधिकरण के गठन हेतु संस्तुति सहित प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया, जिसके परीक्षणोपरान्त मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, लखनऊ द्वारा शाहजहाँपुर विकास प्राधिकरण के गठन एवं शाहजहाँपुर विकास क्षेत्र घोषित किए जाने को औचित्यपूर्ण बताया गया है।

महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता के लिए संतों ने सीएम योगी को दिया क्रेडिट

यूपी-112 परियोजना के द्वितीय चरण के निर्बाध संचालन हेतु 469 निष्प्रयोज्य वाहनों के सापेक्ष 469 नये वाहनों के क्रय सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने यूपी-112 परियोजना के द्वितीय चरण के निर्बाध संचालन के लिए 469 निष्प्रयोज्य वाहनों के सापेक्ष 469 नये वाहनों के क्रय हेतु 43 करोड़ 33 लाख 04 हजार 792 रुपये की धनराशि अवमुक्त किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। प्रस्ताव में किसी प्रकार के संशोधन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।

आबकारी नीति 2025-26 स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने 2025-26 के लिए प्रस्तावित आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मादक वस्तुओं के निर्माण, परिवहन, आयात, निर्यात, बिक्री एवं कब्जे में रखे जाने सम्बन्धी गतिविधियों को विनियमित एवं नियंत्रित करते हुए प्रदेश के वित्तीय संसाधनों की वृद्धि करने, उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण मानक मदिरा उपलब्ध कराये जाने, निवेश को प्रोत्साहन देने, राज्य को आत्मनिर्भर बनाए जाने, कृषि उत्पादों को नष्ट होने से बचाते हुए किसानों की आय में वृद्धि करने और रोजगार सृजन के अवसर प्रदान करने, मदिरा पान को जिम्मेदार एवं सुरक्षित सीमा में रखे जाने, दुकानों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता तथा निष्पक्षता लाने और आवंटन प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप समाप्त किए जाने, प्रक्रियाओं का सरलीकरण और समस्त स्टेक होल्डर्स को प्रत्येक स्तर की जानकारी सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुलभ हो सके, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं गुड गवर्नेन्स को बढ़ावा मिले, धनराशियों का अन्तरण डिजिटल माध्यम से कराये जाने, अवैध मदिरा के निर्माण/विक्रय पर पूर्ण नियंत्रण किए जाने, राजस्व क्षति एवं चोरी को रोकते हुए विकासोन्मुख सरकारी परियोजनाओं के पर्याप्त वित्तपोषण हेतु अधिकतम राजस्व का अर्जन एवं आबकारी नीति को आकर्षक बनाते हुए मदिरा व्यवसाय को स्थायित्व प्रदान करने आदि उद्देश्यों के दृष्टिगत आबकारी नीति वर्ष 2025-26 प्रख्यापित की जा रही है। इसके मुख्य प्राविधान निम्नवत हैं :-

प्रयागराज में 873 भार वाहनों के चालान, मण्डलीय सडक सुरक्षा समिति की बैठक

राजस्व हित में वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु देशी मदिरा दुकानों, कम्पोजिट दुकानों, मॉडल शॉप और भांग की फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा तथा इस प्रकार व्यवस्थित समस्त दुकानों का वर्ष 2026-27 हेतु नवीनीकरण का विकल्प उपलब्ध होगा। एक व्यक्ति को सम्पूर्ण प्रदेश में अधिकतम 02 दुकानें ही ई-लॉटरी प्रक्रिया में आवंटित हो सकेंगी। प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के अनुज्ञापनों का अनुज्ञापी के आवेदन पर वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित देयताओं/प्रतिबन्धों के अधीन नवीनीकरण किया जाएगा। वर्ष 2024-25 में देशी मदिरा की तीव्रता एवं प्रकार के आधार पर प्रचलित श्रेणियों के स्थान पर वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा की निम्नांकित श्रेणियां प्रस्तावित हैं :-
(1) शीरा से निर्मित ई0एन0ए0 आधारित कैरामल युक्त 36 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(2) शीरा से निर्मित ई0एन0ए0 आधारित फूड कलर युक्त 25 प्रतिशत वी0/वी0 (सुवासित) 200 एम0एल0 की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
यू0पी0एम0एल0 की निम्नांकित श्रेणियां वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित किया जाना प्रस्तावित हैं :-
(1) ग्रेन ई0एन0ए0 आधारित कैरामल युक्त 42.8 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
(2) ग्रेन ई0एन0ए0 आधारित कैरामल युक्त 28 प्रतिशत वी0/वी0 (मसाला) 200 एम0एल0 की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।
वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित एवं तर्कसंगत किए गए कुल वार्षिक एम0जी0क्यू0 पर 10 प्रतिशत की वृद्धि कर देशी मदिरा दुकानों का एम0जी0क्यू0 निर्धारित किया जा रहा है तथा देशी मदिरा की फुटकर दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस की दर 32 रुपये प्रति बल्क लीटर वार्षिक एम0जी0क्यू0 के आधार पर निर्धारित किया जा रहा है।
वर्ष 2025-26 हेतु 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा के सन्दर्भ में प्रतिफल फीस/लाइसेंस फीस की दर राजस्व हित में वर्ष 2024-25 में निर्धारित 254 रुपये प्रति बल्क लीटर से बढ़ाकर 260 रुपये प्रति बल्क लीटर निर्धारित की जा रही है।
राजस्व हित की दृष्टि से वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा एवं यू0पी0एम0एल0 की आपूर्ति शत-प्रतिशत एसेप्टिक ब्रिक पैक में किया जाना प्रस्तावित है।
राजस्व हित में वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश में विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल0ए0बी0 की फुटकर बिक्री हेतु कम्पोजिट दुकानों का गठन करते हुए इनका व्यवस्थापन कराए जाने का प्रस्ताव है। निर्धारित एम0जी0आर0 (एफ0एल0) अथवा एम0जी0आर0 (बीयर) से अतिरिक्त उठान पर अतिरिक्त लाइसेंस फीस वित्तीय वर्ष 2025-26 में नहीं ली जाएगी। कम्पोजिट दुकानों पर मदिरा पान की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।
वर्ष 2025-26 में विदेशी मदिरा की रेगुलर श्रेणी में 90 एम0एल0 की धारिता एवं उससे ऊपर की श्रेणियों में विदेशी मदिरा की बिक्री 60 एम0एल0 एवं 90 एम0एल0 की धारिता की शीशे की बोतलों के साथ-साथ सिरोंग पैक में भी अनुमन्य किया जाना प्रस्तावित है। वर्ष 2024-25 की भाँति वर्ष 2025-26 में वाइन की बिक्री कम्पोजिट दुकानों एवं मॉडल शॉप से की जाएगी।
बीयर की दुकानों के स्थान पर कम्पोजिट दुकानों का गठन किए जाने के कारण और इनके मॉडल शॉप में परिवर्तन का विकल्प भी दिए जाने का प्राविधान किए जाने के कारण वर्ष 2024-25 में बीयर दुकानों हेतु लायी गयी परमिट रूम की व्यवस्था को समाप्त किया जाता है।
वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुज्ञापनों का वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस पर अनुज्ञापी द्वारा नवीनीकरण कराया जा सकेगा। समस्त प्रकार के कम तीव्रता के मादक पेय (एल0ए0बी0) की बिक्री भी प्रीमियम रिटेल वेण्ड में अनुमन्य होगी। प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों पर पृथक कक्ष में केवल वाइन टेस्टिंग की सुविधा अनुमन्य होगी और टेस्टिंग कक्ष में विक्रय प्रतिबन्धित होगा।
वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित कम्पोजिट दुकानों एवं वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित देशी मदिरा, मॉडल शॉप, की कुल दुकानों के 3 प्रतिशत तक के समतुल्य दुकानों के सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त, उ0प्र0 को होगा। इससे अधिक की आवश्यकता पड़ने पर शासन की अनुमति से नई दुकानों का सृजन किया जा सकेगा।
वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा, कम्पोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स एवं भांग दुकानों की कार्यावधि गत वर्ष की भाँति प्रातः 10ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक रहेगा।
एथनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के अन्तर्गत आयल मिक्सिंग डिपोज़ को एथनॉल की आपूर्ति के लिए परमिट प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों के निस्तारण हेतु 7,500 रुपये प्रासेसिंग फीस ली जाएगी।
वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित राजस्व 55,000 करोड़ रुपये रखा गया है।

तुर्की की रहने वाली पिनार.! पहली बार दोस्तों से महाकुम्भ की महिमा सुनकर आई महाकुम्भ देखने

राज्य विधान मण्डल का वर्ष 2025 का प्रथम सत्र 18 फरवरी, 2025 को आहूत करने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का वर्ष 2025 का प्रथम सत्र दिनांक 18 फरवरी, 2025 (मंगलवार) को आहूत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का यह सत्र वर्ष 2025 का प्रथम सत्र होगा, जो संविधान के अनुच्छेद-176(1) की अपेक्षा अनुसार एक साथ समवेत दोनों सदनों के समक्ष श्री राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारम्भ होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *