खनन न्यूज – अवैध भंडारण को लेकर मचा हलचल, 350 क्रशर प्लांटों पर लगभग 10 लाख से 15 लाख घनमीटर गिट्टी मौजूद होने की चर्चा.! 

अवैध भंडारण पर 6 गुना है पेनाल्टी को लेकर व्यवसायियों में भय माहौल.! चर्चा व्याप्त.!
-परमिट के बढ़े दाम, 250 रूपए घन मीटर की परमिट, 1500 रुपए घन मीटर में बिक्री की चर्चा.!
– पट्टा धारकों द्वारा खदानों में खनन हो या न हो, परमिट उठाओ और ऊंचे रेट पर बेचो.! का धंधा.!
– ईएमएम-11 परमिट के न मिलने से क्रशर प्लांटों पर गजी गिट्टियां.! उद्योग पर संकट के बादल.! 
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 30ता.सोनभद्र/लखनऊ-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश निर्देश के बाद भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, जिला प्रशासन, खनन विभाग द्वारा खनन क्षेत्र में अवैध खनन, ओवरलोड, अवैध भंडारण, ईएमएम-11 के राजस्व चोरी रोकने आदि मामले को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर राजधानी से लेकर जिले तक हलचल मच गया है कि खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्लांटों पर गिट्टी मौजूद है और ईएमएम-11 परमिट नहीं मिल रहा है.! पट्टा धारक सिंडिकेट बनाकर ऊंचे रेट पर ईएमएम-11 बेच रहे हैं.! वैध-अवैध गिट्टी भंडारण को लेकर कभी भी प्लांट मालिकों बड़ी कार्रवाई होने की चर्चा को लेकर खनन क्षेत्र में हलचल मच गया है.!
लोगों में भय-अवैध भंडारण (गिट्टी/बोल्डर) पर 6 गुना पेनाल्टी है.! गिट्टी के फेके जाने की चर्चा.!
सूत्रों की माने तो अवैध भंडारण (गिट्टी/बोल्डर) पर 6 गुना पेनाल्टी है.! क्रशर प्लांट मालिकों के पास ईएमएम-11 परमिट भी नही है, सभी प्लांटों पर बड़े पैमाने पर गिट्टी भरा पड़ा है.! ब्यवसाई आखिर करें तो क्या करें.!  पट्टा धारक सिंडिकेट बनाकर ऊंची रेट पर परमिट बेच रहे हैं। सूत्रों की माने तो गिट्टी भंडारण का न तो लोगों के लाइसेंस है, न ही गिट्टी के स्टॉक का परमिट, तो सभी गिट्टी/बोल्डर अवैध है.! प्लांट मालिकों अवैध भंडारण (गिट्टी/बोल्डर) जांच/पेनाल्टी की वजह से बड़े पैमाने पर हाफ इंची गिट्टी भस्सी को सड़कों के किनारे, इधर-उधर फेंके जाने की चर्चा है। चर्चा है कि प्लांट मालिकों के ऊपर अवैध भंडारण का जुर्माना न लगे, प्लांट सीज न हो, अगर प्लांटो पर जुर्माना लगा है तो करोड़ों अरबों रुपए के राजस्व की वसूली प्लांट मालिकों से होगी.! लगभग 350 क्रशर प्लांटो का आंकलन किया जाये तो लगभग 10 लाख से 15 लाख घनमीटर क्रशर प्लांटो पर आज भी  गिट्टी मौजूद व डंप हैं।
मानक – लगभग 15 लाख घनमीटर के स्थान पर 80 लाख घन मीटर खनन होगा.! तो क्या होगा.?
सूत्रों की माने तो ग्राम बिल्ली मारकुंडी ई-निविदा सह ई- नीलामी के माध्यम से आवंटित खनन पट्टा व पूर्व में आवंटित खनन पट्टों में वार्षिक खनन हेतु आवंटित खनन की मात्रा लगभग 15 लाख से 16 लाख घनमीटर है.! इसी आधार पर ईएमएम-11 से उत्पादित सामग्री (गिट्टी/बोल्डर) का परिवहन किया जा सकता है.! जबकि खनन पट्टाधारकों द्वारा आवंटित खनन पट्टा क्षेत्र से लगभग 70 लाख से 80 लाख घनमीटर बोल्डर (पत्थरों) का खनन व उत्पादन किया जा रहा है तो लोगों को परमिट कहां से मिलेगा.? व्यवसाइयों की माने तो खनन पट्टा आवंटित पट्टाधारकों द्वारा दबाव स्वरूप कहना है, कि आप यदि 100 फूट वाले टीपर से 50 (पचास ) टीपर उत्पादित बोल्डर लेंगे तभी आपको 22 घनमीटर का एक पन्ना ईएमएम-11 आपको बीजक के साथ उपलब्ध होगा.!
खनन क्षेत्र में, एक तो परमिट नहीं, दूसरा पट्टा चले या न चले.! परमिट उठाओ, ऊंचे रेट पर बेचो.?
सूत्रों की माने तो बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के बिल्ली, रासपहाडी, बारी डाला में तथाकथित पट्टा धारकों द्वारा खुलेआम नियम कानून को ताख पर रखकर खदानों में खनन हो या न हो.! पट्टा चले या न चले.! केवल ईएमएम-11 (परमिट) उठाओ और ऊंचे रेट पर खुलेआम बेचे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है कि पट्टा धारक मोटी कमाई करें विभाग न तो जांच करेगा, न कार्यवाही करेगी, परमिट ऊंचे रेट पर बेचा जाना, परमिट का न मिलना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है कि पर्याप्त मात्रा में खनन क्षेत्र में ईएमएम-11 परमिट नहीं है जिससे खनन उधोग पर बुरा असर पड़ रहा है। अलग-अलग रेट होने के बाद भी तथाकथित पट्टा धारको द्वारा 250 रूपए घन मीटर की परमिट को 1500 रुपए घन मीटर में बेचा जा रहा है। उसके बाद भी पट्टा धारकों के खिलाफ जिला प्रशासन खान विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है।
DGMS द्वारा 13 खनन पट्टों पर धारा 22 (3) लगे होने के बाद भी खनन कार्य जारी.!
सूत्रों की माने तो आर.टी.आई के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार आवंटित 13 खनन पट्टों पर खान सुरक्षा अधिनियम की धारा 22 ( 3 ) को पट्टाधारकों द्वारा स्वयं अपने आवंटित खनन पट्टों पर अधिरोपित कराते हुए खनन कार्य बड़े पैमाने पर पोकलेन मशीनों द्वारा बोल्डर (पत्थर) का उत्पादन किया जाना.! सरकारी राजस्व को जमा न किया जाना.! खान सुरक्षा की अधिरोपित धारा 22 (3) का उपयोग करते हुए अधिकारी वर्ग द्वारा राजस्व के लिए दबाव न दिया जाना.! ओवरलोड व बिना ई-प्रपत्र- 11 के अवैध परिवहन किया जाना खनन क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.!
खनन व क्रशर उद्योग पर संकट के बादल.!
उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला खनन क्षेत्र पर दिन पर दिन संकट के बादल मंडराने के वजह से व्यवसाई परेशान हैं.! सूत्रों की माने तो शासन द्वारा मानक के अनुरूप खनन पट्टा जारी किया गया है उसकी निर्धारित घन मीटर तय की गई है ताकि आप उससे अधिक खनन न कर सके। उससे अधिक खनन (अवैध खनन) करते हैं तो उसकी जवाब देही पट्टे धारा की होगी.! अगर पर्याप्त मात्रा में ईएमएम-11 नहीं मिलेगा तो कैसे चलेगा खनन उद्योग.! पहले छोटे-छोटे पट्टे हुआ करते थे तो पर्याप्त मात्रा में लोगों को ईएमएम-11 आसानी से उपलब्ध हो जाता था किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती थी किंतु दिन पर दिन स्थिति दैनिय होते जा रही हैं। आप सभी व्यवसायियों की नजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिकी है कि खनन उद्योग के समस्याओं का निदान हो, ताकि उद्योग चले.!
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जनता दर्शन बना, जन संवाद का सशक्त माध्यम, समस्याओं का हो त्वरित निस्तारण-केशव प्रसाद मौर्य

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