NGT सख्त-हैवी ब्लास्टिंग से घरों मकानों की दरकती दीवारें को लेकर सभी पक्षों से रिपोर्ट की तलब.! 

270
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

मीडिया हाउस सोनभद्र– हैवी ब्लास्टिंग से घरों की दरकती दीवारों, शिक्षण संस्थाओंं पर मडराते खतरा और  फराटिक लेवल की गहरी खदानों पर एन जी टी सख्त ऋतिशा गोड की याचिका पर चार खदानों को जारी की नोटिस। इसकी जानकारी याची के अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने दी।

याची के अधिवक्ता उच्च न्यायालय और एन जी टी में जनमुद्दों पर लगातार आवाज उठाने वाले अभिषेक चौबे ने बताया कि 2019 के एक मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के आबादी से निश्चित दूरी के बाद ही ब्लास्टिंग करने की अनुमति देता है परंतु बिल्ली मारकुंडी में इसका खुला उल्लंघन हो रहा है खदानें इतनी गहरी है खदानें वाटर लेवल के नीचे तक पानी निकाल कर खनन हो रहा है जिससे पूरा पर्यावरण का संतुलन ही बिगड़ जा रहा है पूरे मामले को साक्ष्य के साथ याची ऋतिशा की याचिका में मामले को उठाया गया है जिसे एन जी टी ने स्वीकार कर सभी पक्षों से जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 21 नवंबर को होनी है।

मामले मे याची ऋतिशा ने बताया कि कई खदानें पूर्ण रूप से मानक के विपरीत चल रही है और भूमिगत जल स्रोत से भी नीचे जा कर लगातार भारी मशीनों से पानी निकाल कर निष्प्रयोजन बहाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में वाटर लेवल नीचे जा रहा है एक दिन ऐसा होगा कि लोग पानी के लिए तरस जाएंगे।
उन्होंने बताया कि खदानें आवासीय, सार्वजनिक स्थानों के बेहद नजदीक है जिसमें हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है घरों के दीवारें टूट रही हैं आईटीआई, डिग्री कॉलेज जहां बच्चे पढ़ते हैं कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्राकृतिक जल स्रोत के नाले जो सोन नदी की सहायक थी उसे बिल्कुल नष्ट कर दिया गया है। बगैर नदी को बचाएं जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है इसलिए पर्यावरण संतुलन और जीवन सुरक्षा के लिए यह संघर्ष जरूरी है अगली सुनवाई में और भी महत्वपूर्ण  साक्ष पेश किया जाएगा।
हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगे, गहरी हो चुकी खदानों को मिट्टी से पाटा जायें।
सोनभद्र-सूत्रों की माने तो बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में अधिकतर खदानें मानक के विपरीत विभागीय अधिकारियों के साठ गांठ से संचालित हो रही है। आवासीय क्षेत्रों से सटे एरिया में मानक के विपरीत लगातार प्रतिदिन हैवी ब्लास्टिंग से आसपास के घर मकान स्कूल मंदिर मस्जिद में दरार पड़ता जा रहा है घर मकान जर्जर होते जा रहे हैं बाजूद उसके डीजीएमएस, जिला प्रशासन, खनन विभाग पूरी तरह से मौन है.! शिकायत पर टीम आती है, जांच करती है, फॉर्मेलिटी पूरी करती है और लौट जाती है। नुकसान स्थानीय लोगों व गरीब जनता के घर मकान का होता है जो किसी तरह से घर मकान बनाकर निवास करते है। हैवी ब्लास्टिंग पर पूरी तरह से रोक लगे, उक्त मामले को एनजीटी द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए.! मानक के विपरीत गहरी हो चुकी खदानों को बंद कर गड्ढे को पूरी तरह मिट्टी से पाटा (भरा) जाये। और पूरी तरह से बृक्षारोपण कराया जाए ताकि क्षेत्र का पर्यावरण व वातावरण सही हो सके।
नगरीय विकास कार्यों में स्वच्छता समितियों की संस्तुति पर होगा विचार-ए.के.शर्मा