मृतक सुधीर के परिजनों को पप्पू यादव ने दी 50 हजार की आर्थिक मदद बेटियों की भी शादी में देंगे 50 – 50 हजार

मीडिया हाउस न्यूज़ एजेंसी 17ता.एकंगरसराय/नालंदा : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने आज एकंगर सराय थाना अंतर्गत महिमा कुरथु गांव में सुधीर कुमार के परिजनों से मुलाकात कर उनकी हत्या के मामले में दोषियों को 3 महीने में फांसी की सजा की मांग की। सुधीर कुमार की हत्या बीते दिनों हेलमेट चेकिंग के दौरान जहानाबाद में पुलिस द्वारा कर दी गई थी। पप्पू यादव ने उनके परिजनों से मुलाकात की और घटना की पूरी जानकारी देने के बाद जन अधिकार पार्टी की ओर से तत्काल उनके परिजनों को ₹50000 की आर्थिक मदद दी। साथ ही उन्होंने उनकी तीनों बेटियां के शादी के समय 50-50 हजार रुपए देने की बात कही। इस अवसर पर जन अधिकार पार्टी के युवा अध्यक्ष राजू दानवीर व नालंदा के तमाम नेता व कार्यकर्ता गण मौजूद रहे। इससे पहले पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में अपराधिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अभी हम जहानाबाद में मर्डर के घटना से लौटे हैं। हाल ही में नालंदा में भी पुलिस हिरासत में एक आदमी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हत्या की घटना सरेआम हो रही है लेकिन इस पर लगाम लगाने की प्रशासनिक कोशिश नगण्य है। इससे सरकार की भी बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में भी अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है। ऐसे में बिहार की हालत क्या होगी? क्या बिहार में आम आदमी को जीने का अधिकार नहीं है? क्या बिहार में सिर्फ माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों का ही राज रहेगा?

पप्पू यादव ने कहा कि हेलमेट चेकिंग के दौरान किसी को गोली मार देना कहां का न्याय है? जहानाबाद में हुई इस घटना ने सुधीर कुमार के परिवार को बर्बाद कर दिया इसलिए हम इस मामले में स्पीडी ट्रायल से 3 महीने के अंदर कार्रवाई की मांग करते हैं, और गोली मारने वाले को फांसी की सजा की भी मांग करते हैं। मामले में हम जिले के पुलिस अधीक्षक से भी बात करेंगे। पप्पू यादव ने कहा कि माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों ने बिहार की जनता को भाग्य भरोसे जीने को मजबूर कर दिया है।
वही जन अधिकार युवा परिषद के अध्यक्ष राजू दानवीर ने कहा कि किसी भी मामले में प्रशासन को पूरी समझ पूछ के साथ एक्शन लेना चाहिए। एक गलत एक्शन से किसी का हंसता खेलता परिवार सड़क पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों नालंदा के ही तेलहाड़ा में कस्टडी में पुलिस की पिटाई से एक आदमी की मौत हो गई थी। ऐसी कई घटनाएं हैं जो ना सिर्फ मानवीय संवेदनाओं को जब जोड़ती है बल्कि शासन प्रशासन के कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है। प्रशासन को पूरी संवेदनशीलता के साथ जिम्मेदारी पूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए।

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