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स्थानीय उद्योगों में 70% स्थानीय लोगों को रोजगार मिले.!
रोजगार विकास के नाम पर कंपनियों द्वारा झूठे वादे बंद हो.!
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी सोनभद्र/लखनऊ-जेएसडब्ल्यू एनर्जी पीएसपी सिक्स लिमिटेड द्वारा ससनई में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट 1680 मेगावाट के लगने वाले प्रस्तावित पावर प्लांट के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रख्यापित प्राविधानानुसार लोक सुनवाई का आयोजन अपर जिला अधिकारी (न्यायिक) सुभाष चंद्र यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। मौके पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोनभद्र के क्षेत्रीय अधिकारी यू के गुप्ता, जेएसडब्ल्यू के आशीष शर्मा (एनवायरमेंट हेड) परियोजना प्रबंधक देवेश राय मौजूद रहे।
ज्ञात हो कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रख्यापित प्राविधानानुसार ग्राम ससनई जनपद-सोनभद्र में M/s JSW Energy PSP Six Limited द्वारा Setting up of पूर्व Kandhaura Closed Loop Pumped Storage Projects of capacity-1680 MW के उत्पादन हेतु परियोजना की लोक सुनवाई सम्बन्धी प्रस्ताव उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई।
मेसर्स जेएसडब्ल्यू एनर्जी पीएसपी सिक्स लिमिटेड, 756.89 हेक्टेयर क्षेत्र में 1680 मेगावाट क्षमता की कंधौरा क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज परियोजना की स्थापना, ग्राम ससनई, मरकुडी,और चेरूई, तहसील ओबरा और रॉबर्ट्सगंज में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संख्या- एस० ओ०: 1533, दिनांक-14.09.2006 यथासंशोधित-एस.ओ.3067 (ई) दिनांक-01.12.2009 के प्राविधानों के अनुपालन में उपरोक्त परियोजना की लोक सुनवाई की गई। परियोजना के संदर्भ में ग्रामीणों ने अपने अपने सुझाव विचार रखे।
जेएसडब्ल्यू के आशीष शर्मा (एनवायरमेंट हेड) ने बताया कि कंपनी शुरू होने से पहले कम्पनी द्वारा सीएसआर के तहत कार्य शुरु कर दिया गया है। शासन प्रशासन की सहयोग से कंपनी द्वारा इस क्षेत्र में इंटर कॉलेज अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा, कंपनी की चालू होने के उपरांत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, सभी लोगों का साथ रहेगा, तभी प्रोजेक्ट लगेगा व क्षेत्र का विकास होगा। मौके पर जेएसडब्ल्यू के राकेश सिंह, वी.रविशंकर, सतिंदर सिना, आशीष शारुमा, जगदीश सती, विकल शर्मा,ऋषभ शर्मा, रोहित बहू, पीयूष सक्सैना, प्रदूषण विभाग से अभय सिंह, वन विभाग से पतिराज, ससनई, मरकुडी, चेरूई के प्रधान आदि ग्रामीण जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
जमीनों का निस्तारण हेतु टीम गठित की जाएगी। एडीएम
सोनभद्र-अपर जिला अधिकारी (न्यायिक) सुभाष चंद्र यादव ने कहा कि आप सभी लोगों की जो भी समस्या है उसको पूरा सुना जा रहा है आपके सुझाव को लिखित रूप से शासन को भेजी जाएगी ताकि उसका निस्तारण हो सके। विभागीय अधिकारियों की टीम गठित कर जमीनों का सर्वे कराकर अखबार में विज्ञप्ति प्रकाशित कराई जाएगी।
यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार की योजना की बड़ी पहल है। यू के गुप्ता
सोनभद्र-क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोनभद्र के क्षेत्रीय अधिकारी यू के गुप्ता ने कहा कि जेएसडब्ल्यू कंपनी के लोगों के द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार की योजना की बड़ी पहल है ताकि क्षेत्र का विकास हो, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलें जनसमूह से प्राप्त आपत्तियो और सुझावों को कार्यवृत्ति में रखते हुए शासन को प्रेषित किया जाएगा।
यह परियोजना वनाश्रित समुदाय के हक में नहीं है। रामसूरत खरवार
सोनभद्र-रामसूरत सिंह खरवार ने कहा कि जनपद का इतिहास रहा है कि किसी भी परियोजना से जनपद की स्थानीय दलित आदिवासी समुदाय का विकास नहीं हुआ है। फैक्ट्री लगने से पहले कंपनी द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, किंतु फैक्ट्री लगने के बाद स्थानीय लोगों को पूछा नहीं जाता, रोजगार मांगने पर भगा दिया जाता है, स्थानीय लोगों को दबाकर जमीनों पर पूरी तरह से कंपनी को कब्जा कर दिया जाता है विरोध करने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया जाता है। वन अधिकार के तहत जो भी जमीन आदिवासियों बनवासियों की है उसको खाली न कराया जाए जिसका हक व अधिकार है उसको पट्टा दिया जाए व विस्थापित किया जाए, न कि उजड़ा जाए।
केंद्र सरकार राज्य सरकार कहती है स्थानीय क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, विकास होगा, किंतु जनपद में लगे जितने भी कारखाने हैं स्थानीय लोगों को कितना रोजगार मिला है यह शासन प्रशासन फैक्ट्री प्रबंधन के लोग सब जानते हैं। रोजगार के नाम पर बाहरी को वरीयता दी जाती है और स्थानीय लोगों को भगाया जाता है, परियोजना किसी भी तरह से वनाश्रित समुदाय के हक में नहीं है, बड़े पैमाने पर लोगों को बेदखल होना पड़ेगा, लोगों को उसका मुआवजा भी नहीं मिलेगा, क्योंकि लोगों के पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है। उक्त अवसर पर लक्ष्मण वादी, प्रमिला देवी, शंभू खरवार, राम लखन गौड़, राजकुमारी, इंद्रावती, हीरावती देवी, रामबालक खरवार आदि सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे।