कथावाचक मोरारी बापू ने साधु!साधु! कह कर व्यासपीठ की ओर से किया मुख्यमंत्री का अभिवादन

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी महाकुम्भनगर-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुम्भ का सफल आयोजन संतों की कृपा है। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ सामाजिक समता और समरसता का महापर्व है। जाति-वर्ग अथवा किसी भी अन्य प्रकार के भेदभाव से परे होकर पूरा देश त्रिवेणी तट पर एकजुट होकर पुण्य स्नान का लाभ प्राप्त कर रहा है। एकता के इस महाकुम्भ से त्रिवेणी तट से पूरी दुनिया में अखंड भारत का संदेश गूंज रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने यह बातें रविवार को प्रयागराज में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि के शिविर में चल रही पूज्य मोरारी बापू के कथा के दौरान कहीं। प्रयागराज में मुख्यमंत्री का दौरा चिदानंद मुनि के आश्रम से ही प्रारंभ हुआ। यहां पहुंचने पर व्यासपीठ पर उपस्थित मोरारी बापू ने ‘साधु!साधु! कहकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं एक सिद्धपीठ के संत हैं। उनके नेतृत्व में महाकुम्भ का सफल आयोजन हो रहा है और आज पूरी दुनिया में सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है।

वहीं परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री योगी को बुद्धि, शुद्धि और सिद्धि का अद्भुत संगम कहा। उन्होंने कहा है कि योगी जी में एक शासक, साधक और उपासक का विलक्षण समन्वय है। गोरक्षपीठाधीश्वर की जिम्मेदारी हो या मुख्यमंत्री पद का दायित्व निर्वहन, योगी जी ने अपने विचारों और कार्यों से देश, समाज और राष्ट्र को एक नई दिशा दी है।

कथा के बीच मुख्यमंत्री को पाकर श्रद्धालु भी आनंदित थे और जय-जय सिया राम के जयघोष के साथ मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया। विशेष अवसर पर उपस्थित मुख्यमंत्री ने प्रयागराज की पवित्र धरती को नमन करते हुए कहा द्वादश माधव, अक्षयवट, अलोपीदेवी, सरस्वती कूप को भी नमन किया। इससे पहले चिदानंद सरस्वती ने कहा कि लोग कहते हैं जिन्हें देश की एकता देखनी हो वो त्रिवेणी तट पर आएं। योगी जी ने कटेंगे तो बटेंगे का जो मंत्र दिया, उसे पूरे देश ने स्वीकार किया। संगम तट श्रद्धालुओं से पटा है, फिर कौन है जो कहता है कि देश बंटा है। उन्होंने कहा कि आज महाकुम्भ के सुचारु आयोजन की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है, तो इसके पीछे योगी जी के प्रयास ही मुख्य कारक हैं।

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