रेलवे प्रशासन ने आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया।
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी चोपन/सोनभद-आखिरकार आदिवासियों को रेलवे प्रशासन आंदोलन करने के लिए विवस कर दिया आदिवासी विकास मंच सोनभद्र द्वारा विगत 4 माह से चल रहे आंदोलन को रेलवे प्रशासन एवं भारत सरकार द्वारा आदिवासियों की प्रमुख मांगे फफरा कुंड रेलवे स्टेशन के पास कड़िया में रेलवे क्रॉसिंग ,जोगी डीह रेलवे स्टेशन पर रेलवे क्रॉसिंग ,खुल दिल रेलवे स्टेशन पर वाराणसी शक्ति नगर इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा त्रिवेणी एक्सप्रेस का ठहराव एवं पूर्व में चल रही चुनार चोपन गोमो पैसेंजर एवं चोपन कटनी पैसेंजर को चालू किए जाने के लिए आदिवासी विकास मंच सोनभद्र को रेलवे प्रशासन ने आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया। विगत 7 नवंबर 2023 को रेलवे यातायात प्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन कर महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर बिहार एवं डीआरएम धनबाद के नाम रेलवे यातायात प्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन दिया गया था और कहा गया था की एक माह के अंदर यदि समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया तो 7 दिसंबर 2023 को आदिवासी विकास मंच सोनभद्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
आज दिनांक 7 दिसंबर 2023 को आदिवासी विकास मंच सोनभद्र का एक प्रतिनिधि मंडल रेलवे यातायात प्रबंधक कार्यालय चोपन पर पहुंच कर रेलवे यातायात प्रबंधक के अनुपस्थित होने के कारण उनके प्रतिनिधि द्वारा ज्ञापन लिया गया। ज्ञापन में कहा गया है की 25 दिसंबर 2023 तक कार्यवाही नहीं की गई तो 26 दिसंबर 2023 से चरण बद्धआंदोलन प्रारंभ कर दिया जाएगा। आंदोलन में 26 दिसंबर 2023 को फफड़ा कुंड रेलवे स्टेशन पर सत्याग्रह एवं महाप्रबंधक हाजीपुर बिहार एवं मंडल रेल प्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे को रेलवे स्टेशन मास्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया जाएगा ,तथा 2 जनवरी 2024 को 11:00 बजे से 3:00 बजे तक खुल दिल रेलवे स्टेशन पर ,6 जनवरी 2024, 11:00 बजे से 3:00 बजे तक रेलवे स्टेशन जोगी डीह पर सत्याग्रह एवं ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है। 11 जनवरी 2024 को 11:00 बजे से 1:00 बजे दिन तक फफरा कुंड रेलवे स्टेशन के रेलवे लाइन पर सत्याग्रह, 16 जनवरी 2024 को खुल दिल रेलवे स्टेशन पर 11:00 बजे से 1:00 बजे तक रेलवे लाइन पर सत्याग्रह, 22 जनवरी 2024 को 11:00 बजे से 1:00 बजे तक जोगी डीह रेलवे स्टेशन पर स्थित रेलवे लाइन पर सत्याग्रह किया जाएगा। जनहित में यातायात व्यवस्था प्रभावित नहीं की जाएगी । 27 जनवरी 2024 को 12:00 बजे से 4:00 बजे तक फफड़ा कुंड रेलवे स्टेशन स्थित रेलवे लाइन पर सत्याग्रह, यदि कोई सकारात्मक पहल रेलवे प्रशासन द्वारा नहीं किया गया तो यह सत्याग्रह अनिश्चितकालीन में बदल दिया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है की यदि शांत प्रिया ढंग से चल रहे आंदोलन को रेलवे प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की गई तो मजबूर होकर अनिश्चितकालीन संपूर्ण चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया है । जिसमें यात्री ट्रेन प्रभावित नहीं की जाएगी। इस आंदोलन का संपूर्ण जिम्मेदार रेलवे प्रशासन एवं रेल मंत्रालय होगा। आदिवासी विकास मंच सोनभद्र के संयोजक हरदेवनारायण तिवारी ने कहा की प्रधानमंत्री, रेल मंत्री एवं रेलवे अधिकारियों को बार-बार पत्र दिया जा रहा है तथा रावटसगंज संसदीय क्षेत्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल तथा ओबरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं समाज कल्याण राज्य मंत्री संजय कुमार गौड़ भी पत्र रेल मंत्री जी को दिए रेल मंत्री ना तो आदिवासियों की बात सुन रहे हैं ना तो सांसद विधायक की बात सुन रहे हैं ।अत्यंत दुखद बात है कि भारत सरकार एवं रेल मंत्रालय इस क्षेत्र के आदिवासी बनवासी मजदूर किसान छात्र छात्राएं की समस्याएं नहीं सुनी जा रही हैं जिसके कारण आर पार के आंदोलन के लिए वर्षों से पीड़ित आदिवासी संघर्ष पर अपनी मांगों के समर्थन मे उतारने जा रहा है। आदिवासियों के सैकड़ो बच्चे सैकड़ो आदिवासी मजदूर किसान रेलवे लाइन क्रॉस करके आते जाते हैं दुर्घटना की संभावना प्रतिदिन बनी हुई है बावजूद इसके रेलवे प्रशासन एवं भारत सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
आदिवासी विकास मंच के सहसंयोजक शमीम अख्तर खान ईश्वर प्रसाद केसरी रमेश केसरी शिव प्रसाद खरवार ने कहा की चाहे जो भी कुर्बानी देनी होगी उसके लिए आदिवासी तैयार हैं हर हाल में यह चारों मांगे पुरी की जाए।
आदिवासी मंच के सहसंयोजक कांति देवी, सूबेदार गौड़, कामरेड लालचंद ,रामचंद्र सिंह गौड़ ,अकमानी देवी ,समय लाल खरवार ने कहा कि विगत 50 ,60 वर्ष से हम आदिवासियों के सुविधा के लिए चुनार चोपन गोमो पैसेंजर तथा चोपन कटनी पैसेंजर चलाई गई थी इसके बंद कर दिए जाने से तमाम मजदूर, साग सब्जी बेचने वाले, दवा इलाज करने के लिए, कोर्ट कचहरी जाने के लिए ,सारी सुविधाओं को सरकार ने कोरोना काल 2020 से बंद कर दिया है जो अभी तक चालू नहीं किया गया ।यह ट्रेन आदिवासियों के जीवको पार्जन के साथ-साथ उनके विकास के लिए यातायात के लिए वरदान थी यह ट्रेन हर हाल चलनी चाहिए। राजाराम भारती कंपनी खरवार रमेश केसरी रामनरेश खरवार जमुना सिंह, बना फल खरवार ने कहा की आदिवासी क्षेत्र की जनता के लिए कोई साधन नहीं है खुल दिल रेलवे स्टेशन पर वाराणसी शक्ति नगर इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा त्रिवेणी एक्सप्रेस का ठहराव की मांग पर रेलवे प्रशासन ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन हम सभी लोगों को रेल चक्का जाम करना पड़ेगा आदिवासी विकास मंच नहीं चाहता कि हमारे यात्रीगण या हमारे माल की ढुलाई किसी तरह से प्रभावित हो ,लेकिन रेलवे प्रशासन आदिवासियों को परेशान कर फिर जेल में डालना चाहता है तो सब कुछ सहन करने के लिए आदिवासी जनता तैयार है ।लेकिन अपनी मांग लेकर के रहेंगे।