अमेरिकी में पीएम मोदी का “ऑटोग्राफ” लेने की मची होड़

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 23ता.लखनऊ-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब एक घंटे के भाषण में अमेरिकी सांसद कई बार खड़े होकर तालियां बजाते दिखे। पहली बार अमेरिकी सांसदों ने तब तालियों की गड़गड़ाहट से सदन को गुंजायमान बना दिया, जब पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अमेरिका और भारत से जोड़ दिया। पीएम ने कहा कि एआई में ए मतलब अमेरिका तो आई मतलब इंडिया है। अमेरिका के पॉलिटिकल स्पेक्ट्रम में पीएम मोदी का लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगााय जा सकता है कि उनका भाषण खत्म होने के बाद सांसदों के बीच पीएम मोदी का ऑटोग्राफ लेने की होड़ मच गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी सांसदों के सामने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुद्दा भी काफी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा 9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के एक दशक से अधिक समय के बाद भी अभी तक कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर ख़तरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेती रहती हैं, लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विमानन कंपनियों की तरफ से बड़ी संख्या में विमानों के ऑर्डर दिए जाने की चर्चा की। उन्होंने कहा विमान का एक ऑर्डर अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक रोजगार पैदा करता है। जब कोई अमेरिकी फोन निर्माता भारत में निवेश करते हैं, तो यह दोनों देशों में रोजगार और अवसरों का एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है।

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पीएम मोदी ने भारत की डिजिटल क्रांति से भी अमेरिकी सांसदों को वाकिफ कराया। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल परफोरेंस गोपनीयता की रक्षा करते हुए लोगों के अधिकारों और सम्मान को सशक्त बना रही है। पिछले नौ वर्षों में एक अरब लोगों को उनके बैंक खातों और मोबाइल फोन से जुड़ी एक अद्वितीय डिजिटल बायोमेट्रिक पहचान मिली है। यह डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा हमें वित्तीय सहायता के साथ सेकंड के भीतर नागरिकों तक पहुंचने में मदद कर रहा है। 85 करोड़ लोगों को उनके खातों में सीधा पैसे प्राप्त होते हैं। वर्ष में तीन बार एक बटन के क्लिक पर 10 करोड़ से अधिक किसानों को उनके बैंक खातों में सहायता प्राप्त हुई। ऐसे हस्तांतरण का मूल्य 320 अरब डॉलर से अधिक रहा है। (रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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