यह एक टेलर है झांकी अभी बाकी है: आदिवासी
कुड़मी समाज के विरोध में आदिवासीयों ने निकाला आक्रोश महारैली
उपायुक्त अजय नाथ झा और जिला कप्तान हरविंदर सिंह को आदिवासी प्रतिनिधियों ने सौंपा ज्ञापन
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी बोकारो : झारखंड में आदिवासी वर्सेस कुडमी का माहौल बनने लगा है और यह केवल इस कारण से बन रहा है क्योंकि कुडमी समाज ने आंदोलन खड़ा कर कुडमी जाति को आदिवासी देने का दर्जा देने की मांग तेज कर दिया है। इसके विरोध में आदिवासी संगठन उबल पड़े हैं और उन लोगों ने इस पर ऐतराज जताते हुए साफ कहा है कि अगर दबाव की राजनीति से कुडमी समाज को आदिवासी का दर्जा देने की कोशिश हुई तो आदिवासी समाज से अपनी हकमारी के रूप में दिखेगा और उसको वह बर्दाश्त नहीं करेगा। आदिवासी समाज के लोगों ने आज आक्रोश रैली निकालकर अपनी भावना दिखा दी ताकत भी दिखा दिया और ज्ञापन देकर राज्य और केंद्र सरकार को हिदायत भी दे दीया है। बोकारो में आज नज़ारा बिल्कुल आक्रोश भरा दिखा। आदिवासी समाज ने महा आक्रोश रैली निकाली। कुर्मी समाज की मांग का विरोध किया और आदिवासी की हकमारी करने के किसी भी प्रयास का किसी भी हद तक जाकर विरोध करने का ऐलान किया। और साफ कह दिया कि यह एक टेलर है झांकी अभी बाकी है। कुर्मी समाज ने पिछले दिनों रेल रोको आंदोलन चलाकर अपनी ताकत दिखाई थी और आदिवासी का दर्जा देने की मांग बुलंद किया था। झारखंड उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में कुर्मी समाज सड़क पर उतरा आंदोलन शुरू किया और यह आरोप लगाया कि आजादी के पहले उन्हें आदिवासी का दर्जा था जिसे देश की आजादी के बाद छीन लिया गया। अब अगर उनकी मांग मानते हुए उन्हें आदिवासी का दर्जा नहीं मिला तो वे अपने आंदोलन को और गहरायेंगे और अपनी मांग को हासिल करने के लिए अपने आंदोलन को और धारदार बनाएंगे। कुर्मी समाज के इस आंदोलन की तीखी प्रतिक्रिया आदिवासी समाज में हुई है और आदिवासी समाज ने तरह-तरह से विरोध शुरू करते हुए अब महा आक्रोश रैली के जरिए कुडमी समाज की मांग पर ऐतराज जताते हुए विरोध करना शुरू कर दिया है यह साफ कर दिया है कि उन्हें किसी भी कीमत पर यह बर्दाश्त नहीं होगा की आदिवासी की हकमारी हो। अगर आदिवासियों की हकमारी हुई तो फिर संवैधानिक तरीके से विरोध के स्वर को और तेज किया जाएगा और सरकार को दबाव में आकर निर्णय लेने से रोका जाएगा। यह आयोजन बोकारो के नया मोड़ बिरसा मुंडा चौक से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय समीप जाकर समाप्त हुई। इस आक्रोश महारैली में जिले भर के आदिवासी समुदाय शरीक रहे और कुड़मी महतो का जमकर विरोध किया और नारेबाजी की गई। इस आक्रोश महारैली में आदिवासी अपनी भेष-भूषा में थे वहीं अपने परांपरिक हथियारों से लैस थे। वहीं आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर बोकारो उपायुक्त अजय नाथ झा और बोकारो पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह को ज्ञापन सौंपा।
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