सौ फीसदी राख उपयोगिता किये जाने हेतु आयोजित हुई कार्यशाला

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी सोनभद्र- एक पॉवर हब के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में पॉवर प्लाण्ट्स से प्रचुर मात्रा में निकलने वाली राख का सौ फीसदी उपयोग किये जाने के सम्बन्ध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निर्देश जारी है। इसी क्रम में सौ फीसदी राख उपयोगिता किये जाने के सम्बन्ध में क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शक्तिनगर में एक भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ०प्र० सरकार एवं अध्यक्ष, उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में एवं संजीव कुमार सिंह, सदस्य सचिव, उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेष अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि सौ फीसदी राख उपयोगिता किये जाने हेतु सम्भावित रास्तों का अपनायें जाने में शासन स्तर से पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा। इस कार्यशाला में सभी तापीय परियोजनाओं द्वारा राख उपयोगिता के बारे में प्रकाश डाला गया तथा सौ फीसदी राखख उपयोगिता किये जाने हेतु कार्ययोजना बनायी गयी है, जिसके अनुसार इस लक्ष्य को आगामी वर्षों में प्राप्त किया जाना है।
क्षेत्रीय अधिकारी, यू के गुप्ता द्वारा कहा गया कि आगामी वर्षों में परित्यक्त कोयला खदान, परित्यक्त पत्थर खदान, निचले सतह वाले सरकारी एवं वन भूमि के क्षेत्र के साथ-साथ फ्लाई ऐश ब्रिक का निर्माण क्षेत्र में राख उपयोगिता बढ़ाये जाने के सम्भावित रास्ते नजर आ रहे है, जिसके लिए अथक प्रयास किया जायेगा। इस कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथिगण के रूप में सुधीर कुमार शर्मा, पी०सी०सी०एफ० एवं एच.ओ.एफ.एफ.उत्तर प्रदेश, संजय श्रीवास्तव, पी०सी०सी०एफ०, वन्य जीव, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, सुनील चौधरी, पी०सी०सी०एफ०, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अनुपम गुप्ता, एम०डी०, वन निगम, उत्तर प्रदेश, सम्मानित अतिथिगण के रूप में रवि शंकर मिश्र, संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, चन्द्र विजय सिंह, जिलाधिकारी, सोनभद्र, डॉ यशवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र, मनीष मित्तल, मुख्य वन संरक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, राबर्ट्सगंज/ ओबरा / रेनुकूट तथा सभी उद्योगों के प्रमुख आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।