एसटीएफ़ द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर एक फर्म पर की गई कार्यवाही
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी लखनऊ-उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में करापवंचन पर प्रहार किए जाने के उद्देश्य से आयुक्त राज्य कर के नेतृत्व में एसटीएफ़ मुख्यालय द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर एक सिगरेट निर्माता फर्म की डेटा एनालिसिस पर पाया कि फर्म द्वारा सिगरेट तथा तंबाकू ख़रीद कर पुनः सिगरेट का अवैध रूप से निर्माण करते हुए अन्य फ़र्मों के माध्यम से एक्सपोर्ट कर रही है । फर्म द्वारा आगरा में पंजीयन प्राप्त किया गया था , बाद में नोएडा में अपना मुख्य व्यापार स्थल घोषित किया गया था ।
जॉइंट कमिश्नर वाणिज्य कर अभिषेक श्रवास्तव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जाँच के समय फर्म के द्वारा पंजीयन के समय घोषित व्यापार स्थल आगरा में कोई काम किया जाना नहीं पाया गया । नोएडा में फर्म के व्यापार स्थल पर स्टॉक अकाउंट बुक्स में घोषित स्टॉक से अधिक पाया गया । इसके अतिरिक्त व्यापारी का टर्नओवर रिटर्न में घोषित टर्नओवर के अपेक्षा अकाउंट बुक्स तथा बैंक स्टेटमेंट के अनुसार अधिक था जिसे स्वीकार करते हुए फर्म द्वारा जाँच के दौरान 10 करोड़ के धनराशि जमा की गई ।फर्म की आगे जाँच अभी प्रचलित है ।
जॉइंट कमिश्नर ने बताया कि डेटा एनालिसिस पर पाया गया कि फर्म के द्वारा विगत दो वर्षों से कैश सेट ऑफ के माध्यम से 01 प्रतिशत से कम कर जमा किया जा रहा था । फर्म मुख्यतः आगे के चेन में आईटीसी पास कर रही थी तथा सर्कुलर ट्रेडिंग में चार अन्य फ़र्मों के साथ लिप्त पायी गई थी । फर्म के द्वारा ईवेबिल के माध्यम से किया जा रहा संव्यहार संदिग्ध पाया गया था । जिन फ़र्मों को माल भेजा जा रहा था उनके द्वारा सिगरेट एक्सपोर्ट करते हुए आईटीसी रिफ़ंड लिया जा रहा था। चूँकि यह आईटीसी बिना टैक्स जमा किए पास ऑन की गयी थी अतः फर्म की जाँच तत्काल संपादित की गई । क्ळळप् महाराष्ट्र तथा आगरा के यूनिट्स के द्वारा हाल ही में सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त अन्य फ़र्मों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना संज्ञान में आया था ।व्यापारी की व्यापारिक गतिविधियों को संदिग्ध पाये जाने के आधार पर आगरा तथा नोएडा के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई ।