बंगाली समिति कोई मुद्दाओं को लेकर की बैठक

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 10ता.समर कुमार दत्ता बेतिया।बिहार बंगाली समिति अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करेगी यदि हम अल्पसंख्यक है तो अल्पसंख्यक आयोग में एक बांग्ला भाषी सेल होना चाहिए उक्त बातें शनिवार को बेतिया बंगाली कोलनी स्थित रामकृष्ण विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल के सभागार में बिहार बंगाली समिति सह पूर्व उपाध्यक्ष बिहार अल्पसंख्यक आयोग पटना के डॉक्टर कप्तान दिलीप कुमार सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा डॉक्टर सिन्हा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी की एक भाषा प्रकोष्ठ बनेगा किंतु आज तक कोई बातचीत नहीं हुई बंगाल की किताबें भी स्कूलों में नहीं है और ना ही शिक्षक भी बहाल किए गए हैं जबकि बिहार में लगभग तेरह लाख बांग्ला भाषी है बिहार बंगाली समिति बिहार के लगभग बांग्ला भाषाओं का एकमात्र समिति है जो इन बांग्ला भाषा को भारत के संविधान के अनुसार उनके अधिकारों को हासिल करने के लिए प्रयासरत है इस समिति का सरकारी पंजीकरण 7 अप्रैल 1938 को हुआ था पटना हाई कोर्ट के वकील बैरिस्टर प्रफुल्ल रंजन दास समिति के पहले सभापति थे आज से 14 साल बाद 2037 में इस समिति के 100 साल पूरे होंगे समिति का मुख्य उद्देश्य बिहार के बंगला भाषाओं के साथ ऑन भाषा की एकता समन्वय एकता और संहयोगिता का प्रचार और प्रचार करना बांग्ला भाषा और बांग्ला संस्कृति का संरक्षण करना भारत के संविधान और बिहार राज्य में कानून के अनुसार बांग्ला वीडियो की भाषा ही अल्पसंख्यक के रूप में उनके अधिकारों की रक्षा करना बांग्ला भाषा द्वारा प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान संस्कृत प्रतिष्ठान और उनके उन्हें जन्म कलमकारी प्रतिष्ठानों का आवश्यकता अनुसार अधिग्रहण रक्षा या अर्जन करना और जरूरत पड़े तो नए प्रतिष्ठान का स्थापना करना है आज बिहार राज्य में जो बांग्ला भाषी रहते हैं वह बिहार के स्थाई आदिवासी है वही बिहार बंगाली समिति को 85 साल से अपना परिचय स्वरूप पलटे आए हैं और 2037 2038 में बड़े धाम के साथ शताब्दी मनाने के कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर चुके हैं इस तैयारी की कड़ी में उक्त सम्मेलन का आयोजन किया गया है बिहार बंगाली समिति ने आज तक कोई काम किए हैं जिसमें बिहार में बसे हुए बांग्ला भाषी और बिहार के मूल के भाव लाने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा ले गए डोमिसाइल डोमिसाइल लो का वापसी के द्वारा नाकाम कर दिया देश के महान सुधारक मातृभाषा में आधुनिक शिक्षा के प्रवर्तक तथा बंगाल के भाषा गुरु ईश्वर चंद्र विद्यासागर की बुलाए गए निवास स्थान को खोज निकाला और निशुल्क बालिका विद्यालय स्थापित किया केंद्रीय सरकार को कर्माटांड़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर विद्यासागर करने के लिए बात किया ऐसे वन को कम बिहार बंगाली समिति द्वारा किए गए हैं बांग्ला भाषाओं की वर्तमान समस्याएं हैं जिसमें बिहार के बांग्ला भाषा छात्राओं के लिए बांग्ला भाषा की किताबें जो इतनी परिश्रम से और बिहार स्टेट टैक्सट पब्लिशिंग कॉरपोरेशन द्वारा छापे जाने थे वे छापे ही नहीं गए संबंधित अधिकारियों से मिलना और उनसे किए गए सभी अनुरोध बेकार गए बांग्ला भाषा द्वारा स्थापित विद्यालयों की हालत ठीक नहीं है और उनके शिकायतों पर शिक्षा विभाग मौन रहती है इस अवसर पर विद्युत पाल प्रदेश सचिव बिहार बंगाली समिति सदस्य बंगाल सहित कोलकाता बुद्धदेव घोष विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति बिहार झारखंड पुष्कर बनर्जी केंद्रीय उत्पादक बिहार बंगाली समिति जिला अध्यक्ष बिहार बंगाली समिति बेतिया राधाकांत देवनाथ जिला सचिव बिहार बंगाली समिति बेतिया सहित कोई अन्य उपस्थित रहे वहीं इसमें मोतिहारी बगहा ,योगा पट्टी, गोपालगंज बैरिया, बगहा आदि के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया कोई मंच का संचालन हरेंद्र पोद्दार समिति सदस्य ने किया