वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में कूड़ा जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की घटनाओं को नियंत्रित करने के निर्देश

मीडिया हाउस न्युज एजेंसी नई दिल्ली-वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक यानी नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में ठोस कूड़ा (एमएसडब्ल्यू)/जैव ईंधन को खुले में जलाने से उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म प्रदूषक कणों (पीएम 10 और पीएम 2.5) और अन्य हानिकारक गैसीय प्रदूषकों (एनओ 2, एसओ2 , सीओ, डाइऑक्सिन, फ्यूरान आदि) से निपटने के लिए निर्णायक कदम के रूप में, निर्देश संख्या 91 के माध्यम से सीएक्यूएम अधिनियम, 2021 की धारा 12 के तहत व्यापक निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सफाई के बाद कचरा जमा करने के स्थलों (एसएलएफ), और कचरा डालने के स्थानों पर नगरपालिका और निगम क्षेत्रों के ठोस कूड़े (एमएसडब्ल्यू)/ जैव ईंधन को खुले में जलाने से लगने वाली आग की घटनाओं की संभावना को खत्म करना है।

आयोग ने एनसीआर में संबंधित एजेंसियों को आग की घटनाओं और उसके परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को रोकने के उद्देश्य से दो व्यापक श्रेणियों के अंतर्गत उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है:

I. सैनिटरी लैंडफिल साइटों और कूड़ा डालने की जगहों पर आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए पहले से जमा कूड़े का प्रबंधन

  1. दिल्ली-एनसीआर में स्थित सभी एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों की उचित पहचान, वर्गीकरण, सीमांकन और अग्नि संबंधी जोखिम का मूल्यांकन।
  2. माननीय सर्वोच्च न्यायालय को पूर्व में ही प्रस्तुत किए गए लक्ष्य की समय-सीमा के अनुसार पुराने कूड़े को नष्ट करने के लिए लैंडफिल/कूड़ा डालने की जगहों पर व्यापक जैव-खनन/जैव-उपचार किया जाएगा। जीएनसीटीडी और एनसीआर में राज्य सरकारें ऐसे पुराने ठोस कूड़े को नष्ट करने के लिए संबंधित समयबद्ध कार्य योजनाओं की समीक्षा करेंगी।
  3. एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है, साथ ही उन जगहों की सीमा पर उचित तरीके से बाड़ लगाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
  4. एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों पर मीथेन गैस का पता लगाने वाले यंत्र लगाए जाएंगे ताकि उच्च मीथेन सांद्रता वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके और उसके अनुसार निवारक/सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।
  5. बगैर संपर्क के उपयोग में लाए जाने वाले इन्फ्रारेड थर्मामीटर से खाद सूखने के लिए रखी गई अपशिष्ट सामग्री के तापमान की निगरानी की जाएगी तथा 35°C – 59°C की तापमान सीमा से प्रमुख विचलन को नोट करने के लिए रिकॉर्ड रखा जाएगा।
  6. एसएलएफ तथा कूड़ा डालने की जगहों पर अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए विशेषकर रात के समय लगातार गश्त की जाएगी।
  7. एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों पर आग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समय-समय पर सुरक्षा अभ्यास आयोजित किए जाएंगे जिसमें आग से सुरक्षा और खतरनाक उत्सर्जन के संबंध में त्रैमासिक स्तर पर लेखा परीक्षा भी शामिल होगी।
  8. सभी एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों पर पर्याप्त अग्निशमन व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें हाइड्रेंट, पानी के टैंकर और मिट्टी फैलाने के लिए अर्थमूवर आदि शामिल हों।
  9. आग लगने का आभास होने पर तत्काल कार्रवाई के लिए रेत/रासायनिक अग्निशामक साधनों का पर्याप्त भंडारण, इसके अलावा समर्पित अग्निशमन गाड़ियां (अधिमानतः रासायनिक अग्निशामक माध्यमों के साथ) और विशेष रूप से गर्मी के मौसम के दौरान अन्य अग्नि सुरक्षा उपाय होने चाहिए क्योंकि इस मौसम में एसएलएफ और कूड़ा डालने की जगहों पर आग लगने की अधिक संभावना होती है।
  10. कार्यस्थल पर सभी श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण/व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) उपलब्ध कराए जाएंगे तथा आग का पता लगाने और उस पर नियंत्रण करने के लिए श्रमिकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें पुराने कचरे के सुरक्षित प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
  1. नगरपालिका क्षेत्र के नए ठोस कूड़े (एमएसडब्ल्यू) का प्रबंधन – एमएसडब्ल्यू/जैव ईंधन आदि को खुले में जलाने से लगने वाली आग की घटनाओं की रोकथाम:
  1. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अधिसूचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में ठोड़ कूड़े (एमएसडब्ल्यू) का संग्रह, उन्हें अलग करना, परिवहन और प्रसंस्करण सुनिश्चित करना।
  2. कचरा जलाने से संबंधित संवेदनशील स्थानों पर, विशेष रूप से रात के समय और सर्दियों के मौसम में, बेहतर और प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा।
  3. संवेदनशील स्थानों, कूड़ा डालने की मध्यवर्ती जगहों, संग्रहण केंद्रों या उन्हें ले जाने के दौरान नगरपालिका और निगम क्षेत्रों के ठोड़ कूड़े (एमएसडब्ल्यू) को खुले में जलाने की घटनाएं बिल्कुल सहन नहीं की जाएंगी।
  4. नगरपालिका और निगम क्षेत्रों के ठोड़ कूड़े (एमएसडब्ल्यू) को खुले में जलाने की घटनाओं की रोकथाम और उन पर नियंत्रण के लिए नियुक्त और तैनात दलों की ओर से नियमित गश्त और निगरानी।
  5. पूरे वर्ष पार्कों, उद्यानों, हरित पट्टियों, संस्थानों, सड़क के किनारे आदि जगहों पर बागवानी से जुड़े कूड़े को संसाधित करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों की क्षमताओं को बढ़ाना तथा शरद ऋतु के दौरान उनके संग्रह के प्रयासों को तीव्र करना।
  6. नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में खुले में कचरा जलाने को रोकने के लिए आरडब्ल्यूए, उद्योग संघों, दुकानदार संघों आदि के माध्यम से जन जागरूकता अभियान और जन भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  7. नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में ठोस कूड़े के प्रसंस्करण और प्रबंधन में सफाई कर्मचारियों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए नियमित क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल किए जाने चाहिए।
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ठोस कूड़े के प्रबंधन से संबंधित विभिन्न क़ानूनों के अंतर्गत उल्लिखित सभी संबंधित एजेंसियों को आयोग के वैधानिक निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने इस बात पर बल दिया है कि ये निर्देश माननीय न्यायालयों, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सीपीसीबी या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी मौजूदा निर्देशों के अतिरिक्त हैं।

इसके अतिरिक्त, संबंधित एनसीआर क्षेत्रों के लिए सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी)/दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को दिल्ली-एनसीआर में कूड़े के भराव क्षेत्र और कूड़ा डालने की जगहों पर आग की रोकथाम और नियंत्रण तथा खुले में नगरपालिका और निगम क्षेत्रों में ठोस कूड़े/ जैव ईंधन को जलाने के संबंध में तिमाही रिपोर्ट के लिए निर्धारित प्रारूप में समेकित राज्यव्यापी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करनी होगी। आयोग के निर्देशों का पालन न करने पर एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के खंड 14 के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस निर्देश के साथ आयोग पूरे क्षेत्र में एक समान रूप से कानून और नियमों को लागू करने की व्यवस्था, जोखिम से निपटने की बेहतर तैयारी और अधिक उत्तरदायित्व लाने का प्रयास कर रहा है।

आयोग सभी हितधारकों – विशेष रूप से शहरी स्थानीय निकायों, एसपीसीबी/डीपीसीसी और एनसीआर में अन्य संबंधित एजेंसियों से विविध ठोस कूड़े को खुले में जलाने से रोकने/समाप्त करने तथा एसएलएफ और एमएसडब्ल्यू से संबंधित कूड़ा डालने की जगहों पर आग की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए निर्देशों का कठोर और सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आह्वान करता है।

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